- झांसी में साथी मंथन ने गोली मारकर किया था कृतिका का मर्डर

- लायक बेटी की मौत पर नहीं थम रहे पिता और परिजनों के आंसू

KANPUR : ग्वालटोली निवासी छात्रा कृतिका का मर्डर झांसी में फ्राइडे को उसके ही साथी ने कर दिया था। कृतिका आर्मी आफिसर बनकर देश की सेवा करना चाहती थी। वह स्पो‌र्ट्स में भी एक्टिव थी और सोशल वेलफेयर के कामों में भी जुटी रहती थीं। कॉलेज प्रशासन समय रहते आरोपी को पकड़ लेता तो आज हमारी बेटी कृतिका जीवित होती। परिजन यह कहते हुए रो पड़े। पोस्टमार्टम के बाद शैटरडे तड़के परिजन छात्रा के शव को ग्वालटोली स्थित घर पर लाए और भैरोंघाट पर अंतिम संस्कार किया था। वह संडे को मीडिया के सामने आए। बहन काव्या ने बताया कि कृतिका आर्मी अफसर बनकर देशसेवा करना चाहती थी। इसी वजह से उसने एनसीसी को चुना था। एनसीसी का सी सर्टिफिकेट कोर्स वह कर चुकी थी और प्रोविजनल सर्टिफिकेट भी मिल गया था। ओरिजनल सार्टिफिकेट आने वाला था।

एनसीसी कैडेट ने मारी गोली

मूलरूप से ग्वालटोली के सूटरगंज स्थित अपार्टमेंट में रहने वाले सुजीत त्रिवेदी ने बताया कि उनका झांसी में कंप्यूटर हार्डवेयर का कारोबार है और अभी वह चाणक्यपुरी मोहल्ले में फैमिली के साथ रहते हैं। उनकी बड़ी बेटी काव्या आर्किटेक्ट है। छोटी बेटी कृतिका एमए हिस्ट्री की स्टूडेंट और एनसीसी कैडेट थी। फ्राइडे को कॉलेज के ही एनसीसी के कैडेट मंथन सिंह सेंगर ने क्लासरूम में बैठे अपने सहपाठी हुकमेंद्र सिंह गुर्जर को गोली मार दी थी। इसके बाद उसने चाणक्यपुरी मोहल्ले में पहुंचकर घर के बाहर दादी के साथ कुर्सी पर बैठी कृतिका की गर्दन में गोली मार दी थी। छात्रा की मौके पर और छात्र की इलाज के दौरान मौत हो गई थी.

बॉक्स

कॉलेज प्रबंधन घटना का जिम्मेदार

छात्रा के पिता सुजीत सिंह ने वारदात के लिए कॉलेज प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि अगर कॉलेज में सुरक्षा के इंतजाम होते तो आरोपी इतनी बड़ी वारदात को अंजाम नहीं दे सकता था। वह मौके पर ही पकड़ा जाता। सुजीत ने बताया कि घटना दोपहर करीब एक बजे की है। कृतिका घर के बाहर अपनी दादी संतोष के साथ बैठी थी। पत्नी संगीता किचन में खाना बना रही थीं और वे घर के बरामदे में थे। मंथन आया और उसने कृतिका के गर्दन पर पिस्टल सटाकर गोली चला दी। मां (संतोष) चीख पड़ीं। वे बाहर भागा। मंथन को भागते देख पहले उसका पीछा किया। इस बीच मोहल्ले के लोग भी आ गए। करीब 100 मीटर आगे दौड़कर मंथन को पकड़ लिया तो उसने सुजीत पर ही पिस्टल तान दी। लोगों ने पीटकर उसे कब्जे में ले लिया। पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हुई है।

बॉक्सिंग की नेशनल प्लेयर

यही नहीं वह बॉक्सिंग की नेशनल प्लेयर थी और उसे राज्य स्तरीय मेडल मिल चुका है। पिता ने बताया कि सात फरवरी को ही लखनऊ में कृतिका का सीडीएस का एग्जाम था। उसमें शामिल होने के लिए वह पिता के साथ गई थी और वापस लौटने के बाद सभी लोग ग्वालटोली स्थित फ्लैट पर रुके थे।

लॉकडाउन में की लोगों की मदद

पिता ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान एनसीसी कैडेट्स को सेवा के लिए लगाया गया था। इस वजह से कृतिका और आरोपी मंथन दोनों साथ ही लगे थे। कभी उनकी बेटी ने उनसे न तो मंथन की शिकायत की और न ही मंथन को लेकर परिवार में कोई बात हुई। वह घर आकर भी सभी से नार्मल बात करता था।