कानपुर(ब्यूरो)। चंद्रयान-3 की सफलता से भारत का परचम पूरे विश्व में फहरा रहा है। जहां विश्व का कोई भी देश नहीं पहुंच सका वहां हम पहुंचे हैं। ये हमारे वैज्ञानिकों की क्षमता और प्रतिभा के दम पर ही यह संभव हुआ है। ये बात छत्रपति शाहू जी महाराज यूनिवर्सिटी (सीएसजेएमयू) में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन में कही। वे शनिवार को रामकुटी फाउंडेशन की ओर से आयोजित पंडित राम बालक मिश्रा स्मृति समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे थे।
एयरपोर्ट पर किया स्वागत
यूनिवर्सिटी में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पूर्व राष्ट्रपति स्पेशल विमान से कानपुर एयरपोर्ट पहुंचे। यहां पर प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री असीम अरुण, कमिश्नर अमित गुप्ता, पुलिस कमिश्नर डॉ। आरके स्वर्णकार, डीएम विशाख जी ने उनका स्वागत किया। यहां से वह सडक़ मार्ग से सीधे यूनिवर्सिटी कैम्पस पहुंचे। यहां पर महापौर प्रमिला पांडेय, आईआईटी के निदेशक अभय करंदीकर, कैबिनेट मंत्री सतीश महाना, आईआईएम अहमदाबाद के निदेशक प्रो। भरत भास्कर और सीएसजेएमयू वीसी प्रो। विनय पाठक समेत अन्य लोगों ने पूर्व राष्ट्रपति का स्वागत किया।
कानपुर मेरी पहचान, मैं इस माटी का कर्जदार
पूर्व राष्ट्रपति ने मंच से कहा कि मैं कानपुर की माटी का कर्जदार हूं। कानपुर ही मेरी पहचान है। मैं सभी जगह फख्र से कहता हूं कि मैं कानपुर का रहने वाला हूं। कानपुर की माटी में ऐसी क्षमता है कि उद्योग, शिक्षा, चिकित्सा समेत अन्य क्षेत्रों में शहर का दबदबा है। युवा सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें। उन्हें सफलता जरूर मिलेगी। चंद्रयान-3 की सफलता से भारत का विश्व में नाम और रुतबा दोनों बढ़ा है।
शामिल हुईं दिग्गज हस्तियां
कार्यक्रम में आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ। शरद कुमार अग्रवाल, नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज स्वास्थ्य मंत्रालय के अध्यक्ष अभिजात सेठ, जीआरआई के चांसलर डॉ। केएम अन्नामलाई, एम्स नई दिल्ली के डीन प्रो। मीनू बाजपेई, बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रो। तारिक मंसूर समेत कई बड़े चेहरे इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
जानिए, कौन हैं रामबालक मिश्र
पंडित रामबालक मिश्र उत्तर प्रदेश के एक प्रख्यात अधिवक्ता थे, जिन्होंने अपना जीवन समाज के सभी वर्गों की समानता, शिक्षा और न्याय के प्रति सदैव समर्पित किया। समाज सेवा के साथ ही अपने ज्ञान के बल पर वकालत करने के साथ ही कानपुर में बार एवं लायर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भी बने। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के भी सदस्य बने और 20 सालों तक निरंतर पद पर रहे। इसके बाद उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के अध्यक्ष भी बने।