कानपुर (ब्यूरो) चौबेपुर थाने हजारी लगाने पहुंची खुशी ने कहा कि मुसीबत में जिन लोगों ने उनकी मदद की, उनका बहुत-बहुत आभार। उन्होंने कहा कि मैं निर्दोष थी.मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा था। मुझे उम्मीद है कि आगे भी मुझे न्याय ही मिलेगा। हर सप्ताह हाजिरी लगाने पर कहा कि यह प्रक्रिया एक लड़की के लिए कठिन है। मेरा घर काफी दूर है, हर सप्ताह आना मुश्किल होगा। लेकिन नियमों का पालन करना है, जो मैं करती रहूंगी।
दुश्मन के साथ भी ऐसा न हो
इससे पहले खुशी दुबे ने जेल से छूटने की खुशी में रविवार को परिवार संग पनकी स्थित हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना की। इस दौरान मीडिया से खुशी ने कहा था कि मैं तो ऐसी अभागी हूं कि महज कुछ दिन सुहागिन रही। ऊपर से पुलिस ने अपराधी बना दिया। मेरे साथ जो हुआ वह किसी दुश्मन के भी साथ न हो। बता दें कि दो जुलाई 2020 की रात थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में कुख्यात विकास दुबे और उसके गैंग ने आठ पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद पुलिस ने खुशी सहित पचास से अधिक लोगों को आरोपी बनाते हुए जेल भेजा था।