कानपुर(ब्यूरो)। अक्सर आपके सोशल मीडिया अकाउंट पर महंगी कीमत के आई फोन 10 से 20 हजार रुपए में मिलने या फिर किसी महंगी चीज का सस्ता मिलने का एडवरटाइजमेंट आता है। इन विज्ञापनों से आपको अलर्ट रहना है। यह आपको सस्ता कुछ भी नहीं देंगे बल्कि ठगी का शिकार बना लेंगे। आपको किसी भी सस्ता सामान बेचने वाले के झांसे में नहीं आना है। यह बातें सैटरडे को डीपीएस आजाद नगर में साइबर सेल क्राइम ब्रांच के सब इंस्पेक्टर पुनीत तोमर ने कहीं। वह दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से आयोजित साइबर क्राइम वर्कशाप में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे।
डीपीएस आजाद नगर की प्रिंसिपल शिल्पा मनीष और साइबर सेल आए एक्सपर्ट्स ने दीप जलाकर प्रोग्राम को स्टार्ट किया। वर्कशाप में क्लास 6 से 12 तक के 200 से ज्यादा स्टूडेंट्स ने प्रतिभाग किया। एक घंटे तक चले सेशन में स्टूड़ेंट्स को सोशल मीडिया और फाइनेंशियल साइबर क्राइम के बारे में बताया गया और उससे सेफ रहने के टिप्स भी दिए गए। सेशन के लास्ट में स्टूडेंट्स के क्वैश्चन के आंसर दिए गए। इस मौके पर स्कूल के गिरीश त्रिपाठी, दिव्या भसीन और शरीन रउफ आदि मौजूद रहे।

टू स्टेप वेरिफिकेशन को रखें ऑन
सोशल मीडिया का यूज आज के समय हर कोई कर रहा है। ऐसे में उसके हैक होने के भी चांस बने रहते हैं। साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि अगर आप व्हाट्सएप या फेसबुक पर टू स्टेप वेरिफिकेशन को आन रखते हैं तो आपके अकाउंट को कोई भी हैक नहीं कर सकता है। ओटीपी जानने के बाद अकाउंट हैक नहीं होगा। इस स्थिति में भी आपको टू स्टेप वेरिफिकेशन के पासवर्ड को सेफ रखना कंपलसरी है। एक्सपर्ट ने कहा कि आपको खुद का ही नहीं बल्कि अपनी फैमिली और फ्रेंड्स के अकाउंट को भी सेफ रखना है। ऐसे में उनके अकाउंट में भी इस फीचर को ऑन कर दें।

यहां बरतें सावधानी
आज की दुनिया में साइबर क्राइम का शिकार होने में देरी नहीं लगती। इंटरनेट और फोन का यूज करने वाला कोई भी इंसान साइबर क्रिमिनल्स का अगला टारगेट हो सकता है। ऐसे में आपको अलर्ट रहने की जरुरत है। एक्सपट्र्स ने वर्कशाप के दौरान बताया कि यूपीआई एप, क्यूआर कोड, रिमोट एप, ओटीपी और आधार कार्ड के जरिए साइबर क्राइम आसानी से हो रहे हैं। ऐसे में आपको इन चीजों का उपयोग करने में सावधानी बरतनी है। किसी से ओटीपी आदि को शेयर नहीं करना है। बताया कि एनीडेस्क और टीम व्यूआर जैसे कई एप हैं जो कि रिमोट एक्सेस देने का काम करते हैं। इन एप्स के जरिए कोई भी आपके मोबाइल या सिस्टम को रिमोट के जरिए ऑपरेट कर सकता है।

आफिशियल वेबसाइट से ही लें कस्टूमर केयर नंबर
साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि आप किसी भी चीज की सर्विस लेने के लिए कस्टूमर केयर नंबर का यूज करते हैं। ऐसे में अगर आपको किसी भी कंपनी का कस्टूमर केयर नंबर चाहिए तो आपको आफिशियल वेबसाइट से ही लेना चाहिए। गूगल में सर्च करने पर सबसे ऊपर जो नंबर दिखाई पड़ते हैैं वह अक्सर फेक होते हैं। उनमें लगने वाली कॉल्स अक्सर साइबर क्रिमिनल्स के पास पहुंचती हैं।

आधार में बंद रखें बायोमैट्रिक ट्रांजैक्शन
वर्कशाप में बताया गया कि आप सभी लोगों को आधार में बायोमैट्रिक ट्रांजैक्शन को बंद रखना है। अगर ऐसा नहीं किया है तो साइबर क्रिमिनल्स को अगर कहीं से भी आपके फिंगर प्रिंट मिल गए तो वह एक बार में 10 हजार रुपए तक निकाल सकते हैं। इसके अलावा एटीएम से पैसे निकालते समय कार्ड लगाने वाले स्थान पर हाथ लगा के चेक कर लें अगर एटीएम स्क्रीमिंग डिवाइस लगी है तो वह गिर जाएगी। इसके अलावा पिन डालते समय हाथ से कीपैड को छिपा लेना चाहिए।

साइबर क्रिमिनल्स अपना रहे यह टिप्स
स्टूडेंट्स को वर्कशाप को में उन तरीकों के बारे में बताया गया, जिनमें साइबर क्रिमिनल्स ज्यादा एक्टिव रहते हैं। बताया कि आधार से होने वाले ट्रांजैक्शन, केबीसी लॉटरी, फेक काल्स, केवाईसी कराने के नाम, बिल पेमेंट, ओएलएक्स पर सामान बेचने, फेक लोन, जॉब लगवाने, फेक ट्रेडिंग, एटीएम क्लोनिंग, फेक मेल और सोशल मीडिया। इन सर्विसेज को यूज करते समय या प्रलोभन मिलने पर एलर्ट रहें।

ऐसे करें शिकायत
वर्कशॉप में बताया गया कि अगर आप किसी तरह से साइबर क्रिमिनल्स की शिकार बन गए हैं तो आपको तत्काल 1930 पर कंप्लेंट करनी है। यह नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन का नंबर है। इसके अलावा www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यह काम आपको तत्काल करने हैं।

यह थी साइबर पर अवेयरनेस करने वाली टीम
साइबर क्राइम सेल (क्राइम ब्रांच) के सब इंस्पेक्टर पुनीत तोमर, कांस्टेबल मुकेश कुमार शुक्ला, सतेंद्र राजपूत और प्रियंका पांडेय।