कानपुर (ब्यूरो) सिटी में वॉटर सप्लाई का सबसे बड़ा भैरवघाट इंटेक प्वाइंट हैं। पानी की डिमांड बढऩे पर जलकल डिपार्टमेंट गर्मियों में भैरव घाट इंटेक प्वाइंट से 210 एमएलडी तक रॉ वॉटर को लेकर ट्रीट करने के लिए बेनाझाबर स्थित जलकल मुख्यालय को भेजा जाता है। जहां रॉ वॉटर को ट्रीट कर 41 जोनल पम्पिंग स्टेशंस के जरिए को घरों में सप्लाई होता है।
गर्मी में बढ़ जाती प्रॉब्लम
हर वर्ष की तरह इस साल भी मार्च में ही गंगा का जलस्तर 357 फीट से नीचे पहुंच गया था। इसकी वजह से जलकल डिपार्टमेंट को गंगा में दो ड्रेजिंग मशीनें उतार कर पानी खींच कर इंटेक प्वाइंट तक लाना पड़ा। इसमें डीजल आदि पर प्रतिदिन लगभग 10 हजार रुपए खर्च बढ़ गया। पिछले वर्ष तो अप्रैल में वॉटर लेवल 356 फीट तक पहुंच जाने पर बंधा भी बनाना पड़ा था। तब कहीं जाकर वॉटर सप्लाई के लिए पानी भैरव घाट इंटेक प्वाइंट तक पहुंचा था। इसमें करीब 20 लाख रुपए खर्च हुए थे। वहीं वॉटर लेवल घटने पर गंगा के पानी में पॉल्यूशन भी बढ़ जाता है, इसलिए इसे ट्रीट करने में क्लोरीन, एलम आदि केमिकल का खर्च दोगुना तक हो जाता है। जलकल ऑफिसर्स के मुताबिक चार टन की बजाए 8 टन क्लोरीन खर्च हुई थी।
15.70 करोड़ से पाइप लाइन
इस प्रॉब्लम के समाधान के लिए जल निगम ने गंगा बैराज (अपस्ट्रीम) के पास से भैरोघाट इंटेक प्वाइंट तक 15.70 करोड़ रुपए से पाइप लाइन डाली गई है, क्योंकि अपस्ट्रीम गंगा में बैराज की वजह से पानी स्टोर रहता है। वॉटर लेवल घटने जैसी समस्या नहीं रहती है। 1860 मीटर लंबी यह लाइन अब चालू हो गई है और अब इसके जरिए सीधे बैराज से भैरोघाट तक पानी आ रहा है। यहां से पंप के जरिए जलकल मुख्यालय बेनाझाबर भेज सकता है। भैरोघाट में इलेक्ट्रिक पैनल ठीक कराने की तैयारी हो रही है। इसके लिए 25 लाख रुपए मिल गए है।
&& गर्मी में गंगा का जलस्तर घटने की बजाए वाटर सप्लाई के लिए खासी दिक्कत होती थी। अब बैराज से भैरोघाट इंटेक प्वाइंट तक डाली गई पाइप लाइन से सीधे पानी मिलने लगा है। इससे गर्मियों में भी पानी की कमी नहीं रहेगी। साथ ही ड्रेजिंग, बंधा बनाने, ट्रीटमेंट आदि में होने वाला खर्च भी बचेगा.&य&य
केपी आनन्द, जीएम, जलकल
प्रोजेक्ट - वॉटर सप्लाई
वर्क - बैराज से भैरवघाट इंटेक प्वाइंट तक पाइप लाइन
लंबाई-- 1860 मीटर
प्रोजेक्ट कॉस्ट -- 15.70 करोड़ रुपए
काम शुरू -- वर्ष 2018
मिलने लगा पानी -- वर्ष 2023 में