कानपुर(ब्यूरो)। सिटी की आबोहवा शुद्ध करने के लिए नगर निगम पार्कों में पौधे रोप रहा है, ताकि खूबसूरती बनी रहे। हालांकि आपको जानकर हैरानी होगी कि शहर के अलग-अलग एरिया में लगभग 70 परसेंट पार्क की हालत बदहाल है। इनमें से कई जगहों पर अधूरा काम पड़ा है, तो कहीं पर बिलकुल उजाड़ पड़ा है। ऐसे हालात में पड़े पार्कों को विकसित करने के लिए सोसाइटी समेत एनजीओ उन्हें गोद लेने में दिलचस्पी दिखा रही है। अब तक 70 पार्क को गोद दिया जा चुका है। पार्क पर मालिकाना हक नगर निगम का ही होगा, लेकिन देखरेख समेत सारी जिम्मेदारी गोद लेने वालों को होगी। अगर आप भी शहर की आबोहवा को स्वस्थ रखने में सहयोग करना चाहते हैं तो पार्क को गोद ले सकते हैं।
ग्रीनरी बढ़ाने पर फोकस
सिटी के अलग-अलग एरिया में छोटे-बड़े 792 पार्क है। नगर निगम के मुताबिक, सुसाइटी समेत एनजीओ ने इनमें से 70 पार्कों को गोद ले चुकी है। पार्क को गोद लेने के बाद इन पर ग्रीनरी बढ़ाने के अलावा देखरेख की सारी जिम्मेदारी होती है। इसके अलावा कई ऐसे पार्क भी है, जहां नगर निगम की तरफ से पार्क की बाउंड्रीवाल, सबमर्सिबल पंप, बाउंड्री वॉल, गेट, पाथवे, फौव्वारा, पौधे, घास आदि लगवा कर डेवलप कर दिया जाता। जिसके बाद यहां ये संस्थाएं देखभाल शुरू कर देती है।
गोद लेने के लिए सिफारिश
नगर निगम में पिछले कई दिनों से लगातार पार्कों को गोद लेने के लिए नगर निगम को लेटर लिखा जा रहा है। हाल ही में कानपुर स्वच्छ समिति की तरफ से सिविल लाइंस स्थित दो पार्क आनंद स्वरूप पार्क और कौशिक पार्क को गोद लेने के लिए लेटर लिखा गया है। जिसकी प्र्रक्रिया चल रही है। नगर निगम के मुताबिक, कमेटी के बैठक में इस पर फैसला लिया जाएगा। कमेटी में चीफ इंजीनियर, उद्यान अधीक्षक, स्थानीय पार्षद समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहते हैं।
इन पौधों से पार्कों खूबसरती
नीबू, सुदर्शन, कैथा, जामुन, गुड़हल, कटहल, लीची, सागौन, चंदन, रुद्राक्ष, गुलाब, बेला, मेहंदी, अमरूद, बेल, आम, आंवला, अर्जुन, कनेर आदि पौधे पार्कों को खूबसूरत बनाने में मदद करते हैं।
गोद लेने की ऐसी होती है प्रक्रिया
- नगर निगम में संपर्क करना होगा
- 500 रुपए की डीड बनवानी पड़ेगी
- 100 रुपए का स्टांप पेपर रजिस्ट्रेशन के लिए लगेगा
- एक साल के लिए कांट्रैक्ट होगा
- इसके बाद हर बार रिन्यूवल फ्री होगा
ये पार्क बढ़ा रहे खूबसूरती
- नानाराव पार्क
- तुलसी उपवन पार्क
- कारगिल पार्क
- कमला नेहरू पार्क
- केशव वाटिका पार्क
- लेनिन पार्क
- राजीव वाटिका
ये पार्क सबसे बदहाल
- गीता पार्क
- मोहम्मद अली पार्क
- बुद्धापार्क
- गीता नगर पार्क
- ब्रिजेंद स्वरूप पार्क
फैक्ट फाइल
- 792 के लगभग पार्क हैं शहर में
- 225 पार्क पूरी तरह से डेवलप
- 500 से ज्यादा पार्क हैं बदहाल
- 70 पार्कों को दिया गया है गोद
- 600 रुपए का खर्च गोद लेने पर
&& पार्को को बेहतर बनाने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है। साथ ही पार्कों के देखभाल के लिए माली समेत अन्य कर्मचारियों को तैनात किया गया है, अगर कोई सुसाइटी या फिर एनजीओ पार्क को गोद लेना चाहे तो नगर निगम में संपर्क कर सकता है&य&य
वीके सिंह, उद्यान अधीक्षक, नगर निगम