-सोशल मीडिया में दोस्ती कर फंसाते हैं 'जाल' में, पिछले 6 महीने में एक दर्जन से ज्यादा मामले आ चुके हैं साइबर सेल में

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KANPUR :

अगर आप सोशल मीडिया यूजर हैं तो अलर्ट हो जाइए क्योंकि आपकी छोटी सी लापरवाही भी आपको लाखों रुपए की चपत लगा सकती है। जी हां, बीते छह महीनों की बात करें तो कानपुर में ही एक दर्जन से ज्यादा फेसबुक यूजर्स हनीट्रैप का शिकार होकर लाखों रुपए गवां चुके हैं। वहीं बदनामी के डर से ये लोग पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज नहीं करा पा रहे हैं। ऐसे ही कुछ मामलों की दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने पड़ताल की तो हनीट्रैप के पूरे जाल को तैयार किए जाने का खुलासा हुआ। आइए आपको बताते हैं कि कैसे चली जाती है हनीट्रैप की चाल

फेसबुक के जरिए बनाते हैं शिकार

काकादेव के कपड़ा कारोबारी मो। कैफ (काल्पनिक नाम) ने हनीट्रैप में फंसकर सवा लाख रुपये गवां दिए। कुछ इसी तरह की घटना काकादेव निवासी बिजनेसमैन राजेश कुशवाहा (काल्पनिक नाम) के साथ भी हुई। ये दो मामले तो सिर्फ बानगी भर हैं। शहर में दो दर्जन से ज्यादा लोग इस जाल में फंस चुके हैं, लेकिन बदनामी के डर से चुप बैठे हैं। पूर्व इंटेलीजेंस अधिकारी बीके राय ने बताया कि इन दिनों साइबर ठग हनीट्रैप करके लोगों को ठग रहे हैं। वे फेसबुक पर किसी युवती के नाम की फेक आईडी बनाकर लोगों को फ्रैंड रिक्वेस्ट भेजते हैं। वे आईडी में बोल्ड फोटो लगाते हैं। जिसे देखकर लोग आकर्षित हों। रिक्वेस्ट एक्सेप्ट होने के बाद युवती मैसेंजर पर चैटिंग शुरू कर देती है और सामने वाले के बारे में जानकारी जुटा लेती है।

भरोसा जीतने को वाट्सएप नंबर देते हैं

यूपी पुलिस के साइबर सेल के पूर्व अधिकारी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि सामने वाले का भरोसा जीतने के लिए फेक आईडी बनाने वाले साइबर ठग चैटिंग के दौरान व्हाट्सएप नंबर मांग लेते हैं। फिर उसपर चैटिंग करना शुरू करते हैं। इससे सामने वाले को उन पर भरोसा होने लगता है। जिसके बाद वो सामने वाले की मन की बात करना शुरू करते हैं। अश्लील बात करने के साथ बोल्ड फोटो सेंड करते हैं। इससे धीरे धीरे सामने वाला उनके जाल में फंसता जाता है।

ऐसे फंसाते हैं साइबर लुटेरे

साइबर एक्सपर्ट विनोद गांगुली बताते हैं कि युवती वाट्सएप यूजर से चैटिंग कर यह जान लेती है कि वह क्या काम करता है। अगर वह बिजनेस करता है तो युवती पार्टनर बनाकर बिजनेस करने का झांसा देती है। अगर वह बेरोजगार है तो युवती उनसे मिलने आने या गिफ्ट भेजने का झांसा देती है। मो। कैफ को तो युवती ने आर्मी अफसर बताकर दोस्ती की थी। उसने बताया था कि वह सीरिया में है। यहां पर उसको एक बॉक्स मिला है। जिसमें पचास लाख यूएस डॉलर है। युवती ने कैफ को झांसा दिया था कि वह कोरियर से यह रकम उसको भेज रही है। उसने कहा कि जब उसका कैंप खत्म हो जाएगा तो वह इंडिया आकर रकम ले लेगी। साथ ही उसे उसका हिस्सा देने के साथ ही इंज्वाय भी करेगी। बस उसको सिर्फ एयरपोर्ट में कस्टम ड्यूटी 700 डॉलर देने होंगे। कैफ ने लालच में आकर हामी भर दी। इसके तीन दिन बाद उनके पास अंजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को एयरपोर्ट कर्मचारी बताकर कहा कि आपका कोरियर आया है। इसे लेने के लिए आपको कस्टम ड्यूटी देनी होगी। कैफ ने उसके बताए एकाउंट में पैसे जमा करवा दिए। इसके बाद उनके पास दोबारा 75 हजार टैक्स देने के लिए फोन आया। उन्होंने टैक्स भी दे दिया। इसके बाद उनके पास और पैसा जमा करने का फोन आया। इस तरह सामने वाले के पास तब तक फोन आता है, जब तक वह पैसा देता रहता है।

बदनामी के डर से शिकायत भी नहीं की

कपड़ा कारोबारी मो। कैफ, राजेश कुशवाहा ने ठगी का पता चलने पर विदेशी युवती को रिपोर्ट दर्ज कराने का डर दिखाया तो उल्टा फेक आईडी बनाने वाले ने उनके भेजे मैसेज उनके दोस्तों और रिश्तेदारों को दिखाने की धमकी दे दी। जिसके बाद दोनों ही चुप बैठ गए।

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बॉक्स में लगाएं

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इस तरह चेक करें फेक आईडी

- यूजर को फ्रैंड रिक्वेस्ट भेजने वाले की प्रोफाइल चेक करनी चाहिए।

- ध्यान रहे कि फेक आईडी में फ्रैंड लिस्ट हाइड होती है।

- फेसबुक यूजर को उसकी फोटो और पोस्ट के कमेंट देखने चाहिए।

- उससे जुड़े फ्रेंड्स से चैट कर क्रास चेक कर सकते हैं।

- फ्रैंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट होते ही चैटिंग होने लगे तो सावधान हो जाएं

- यूजर को सामने वाले से कॉल, वीडियो कॉल या करंट पिक मांगनी चाहिए

:- साइबर एक्सपर्ट रक्षित टंडन के अनुसार

ये सावधानी बरतें

-फेसबुक प्रोफाइल में जरूरत की जानकारी ही फिल करें

-प्रोफाइल में अपना नंबर और एड्रेस हाइड रखें

-अंजान लोगों की फ्रैंड रिक्वस्ट एक्सेप्ट न करें

-मैसेंजर या वाट्सएप पर अंजान लोगों को जानकारी शेयर न करें

साइबर एक्सपर्ट रक्षित टंडन के मुताबिक

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बॉक्स

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यहां दर्ज करा सकते हैं शिकायत

अगर जाने-अनजाने किसी तरह के साइबर फ्रॉड में आप फंस जाते हैं तो कोतवाली स्थित दूसरी मंजिल में स्थित कानपुर साइबर सेल ऑफिस में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। आपको सेल प्रभारी के नाम से लिखित शिकायत दर्ज करानी होगी।

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साइबर फ्रॉड के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन इनको सावधानी बरतकर आसानी से रोका जा सकता है। किसी के बहकावे और लालच में न आएं। किसी गड़बड़ी पर तुरंत पुलिस को सूचित करें।

अनंत देव, एसएसपी, कानपुर नगर