कानपुर। नगर निगम व केडीए के बीच जमीन और मैप की एनओसी देने का विवाद अब शासन तक पहुंच गया है। इसको लेकर नगर विकास विभाग और आवास विकास विभाग के प्रमुख सचिव बैठक करके जमीन के विवाद के चल रहे मामलों का हल करेंगे। साथ ही मैप की परमीशन सर्टिफिकेट लेटर देने के मामले में नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव ने कमिश्नर को आदेश दिए कि एक हफ्ते में बताए कि नगर निगम नक्शा की एनओसी देगा या केडीए देगा।

सीएम से की थी शिकायत
केडीए के मलबा शुल्क न देने और मैप की एनओसी न लिए जाने को लेकर महापौर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की थी। इस मामले में चीफ सेक्रेटरी दुर्गा शंकर मिश्र ने कमिश्नर को निस्तारण के आदेश दिए है। इसी कड़ी में नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने महापौर प्रमिला पांडेय और म्यूनिसिपल कमिश्नर शिव शरणप्पा जीएन के साथ बैठक की।

ये है मामला
महापौर ने बताया कि मैप की एनओसी पहले नगर निगम से ली जाती थी और मलबा शुल्क नगर निगम को दिया जाता है। शासनादेश के विपरीत केडीए कार्रवाई कर रहा है। साथ ही पूरे प्रदेश में ग्राम समाज की जमीन नगर निगम के पास है लेकिन कानपुर में केडीए अपने पास रखे हुए है। घंटाघर स्वरूप नगर में नगर निगम की जमीन थी। उसको कब्जेदारों से खाली कराई। महिला मार्केट का निर्माण कराने जा रहा है लेकिन केडीए ने अब अपनी जमीन बता रहा है।

एक हफ्ते का टाइम
ऐसे ही कई जगह नगर निगम के कब्जे वाली जगह को भी केडीए अपना बता रहा है। इस मामले में प्रमुख सचिव ने मंडलायुक्त अमित गुप्ता को आदेश दिए कि एक हफ्ते में बताए कि नक्शा की एनओसी केडीए को देनी है या नगर निगम को देनी है।