कानपुर। एनसीआर रीजन के 300 से अधिक रेल इंजन फॉग डिवाइस से लैस हो चुके हैं जिससे रेल इंजन के ड्राइवर को कोहरे के दौरान सिग्नल सिग्नल देखने में समस्या नहीं होगी और वह ट्रेनों को निर्धारित स्पीड में चला सकेगा। ट्रेनों की लेटलतीफी में काफी हद तक ब्रेक लगने से लाखों पैसेंजर्स को काफी राहत मिलेगी। बरौनी ग्वालियर मेल ट्यूजडे को करीब छह घंटे देरी से सेंट्रल स्टेशन पहुंची। इससे परिजन व पैसेंजर परेशान नजर आए। इसी तरह गया स्पेशल फेयर सुपरफास्ट छठ पूजा ट्रेन भी छह घंटे बाद आई। कोहरे के दौरान भी ट्रेन लेटलतीफी न हो, इसके लिए रेलवे रेल इंजन को फॉग डिवाइस से लैस कर रहा है।
ड्राइवर को दे रहे ट्रेनिंग
कोहरे और धुंध के असर दिखाते ही ट्रेनों की लेटलतीफी को लेकर रेलवे फिर ङ्क्षचतित हो गया है। पहले कुछ ही ट्रेनों में फाग सेफ डिवाइस लगती थीं, लेकिन इस बार एनसीआर रीजन के करीब 600 ट्रेनों में डिवाइस लगाने का काम दिसंबर के पहले सप्ताह तक पूरा कर लेगा। दावा है कि 50 प्रतिशत से अधिक में डिवाइस लगाई भी जा चुकी है। इसके साथ ही मॉडिफाइड ऑटोमेटिक सिग्नङ्क्षलग सिस्टम भी इस बार कोहरे व धुंध से निपटने में मददगार बनेगा। ट्रेन ड्राइवर, गार्डों को इसे लेकर ट्रेनिंग भी दी जा रही है।
लंबी दूरी की ट्रेनें होती प्रभावित
कोहरे की वजह से दिल्ली-हावड़ा रूट में लंबी दूरी का सफर तय करने वाली ट्रेनें अपने निर्धारित समय से 10-10 घंटे चलती है। जिसकी वजह से दिसंबर के सेकेंड वीक से लेकर फरवरी के सेकेंड वीक तक लाखों पैसेंजर्स को ट्रेन का सफर करने के दौरान विभिन्न समस्या फेस करनी पड़ती है। यह समस्या रेल पैसेंजर्स से दशकों से फेस करनी पड़ रही है। रेल इंजन में फॉग डिवाइस लगने से पैसेंजर्स को इस बार राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
- 288 ट्रेनें और 2 लाख से अधिक पैसेंजर्स का डेली आवागमन
- 10 लाख से अधिक पैसेंजर्स डेली दिल्ली-हावड़ा रूट की ट्रेनों में
- 600 ट्रेनें एनसीआर रीजन की विभिन्न प्रदेशों के लिए संचालित होती
- 50 प्रतिशत रेल इंजन में फॉग सेफ डिवाइस लगाई जा चुकी
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यह लाभ मिलेगा
- कोहरे में भी ड्राइवर को सिग्नल की स्थिति पता चल जाएगी
- ट्रेन निर्धारित स्पीड पर पटरी पर दौड़ सकेगी
-आउटर पर ट्रेनों को एक-एक घंटे नहीं रोका जाएगा
-ट्रेनों की लेटलतीफी में सुधार होगा
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एनसीआर रीजन की 600 ट्रेनों को फॅाग सेफ डिवाइस से लैस किया जा रहा है। सर्दी और बढऩे पर कोहरे व धुंध से आने वाली समस्या इससे कम होगी। रेलवे लगातार ट्रेनों को स्पीड देने के लिए प्रयासरत है।
हिमांशु शेखर उपाध्याय, सीपीआरओ, एनसीआर रीजन