कानपुर(ब्यूरो)। यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) की ओर से ट्यूजडे को सिविल सर्विस एग्जाम 2022 का रिजल्ट जारी किया गया। सिटी के बर्रा में रहने वाले चैतन्य अवस्थी ने 37 और गांधी नगर की रहने वाली कृतिका मिश्रा ने 66वीं रैैंक पाकर अपनी प्रतिभा का डंका बजवाया है। वहीं बर्रा रहने वाली कृतिका मिश्रा ने 401 और फजलगंज की रहने वाली निधि सिंह ने 748 रैैंक पाई है। इनके अलावा सिटी के 10 से ज्यादा स्कॉलर्स ने एग्जाम को पास किया है।

1022 पोस्ट पर सिलेक्ट हुए 933 पार्टिसिपेट्स
यूपीएससी ने 1022 पदों के लिए एग्जाम कराया था, जिसमें 933 पार्टिसिपेट्स प्री, मेन और इंटरव्यू के पास कर सिलेक्ट हुए हैैं। इस एग्जाम को पास करने के बाद आईएएस, आईएफएस, आईपीएस, आईआरएस समेत केंद्र सरकार की कई सिविल सर्विसेज में जॉब मिलती है।

37 रैंक लाकर पूरा किया दिवंगत पिता का सपना
यूपीएससी के सिविल सर्विस एग्जाम में 2022 के रिजल्ट में बर्रा गांव के रहने वाले चैतन्य अवस्थी ने एआईआर 37 रैैंक पाई है। बताया कि पत्रकारिता पेशे से जुड़े पिता संत शरण अवस्थी का सपना था कि मैैं आईएएस अफसर बनूं, जो आज पूरा हो गया। पिता की दो साल पहले डेथ हो चुकी है। बताया कि 12वीं के बाद क्लैट का एग्जाम पास किया और कोलकाता की नेशनल ला यूनिवर्सिटी से बीए एलएलबी आनर्स की पढ़ाई की। पिता के सपने को पूरा करने के लिए यूपीएससी की तैयारी शुरू की। नई दिल्ली से कोचिंग और ऑनलाइन स्टडी से पहले प्रयास मेें ही देश की शीर्ष एग्जाम को पास किया। बताया कि पिता के साथ साथ मां रचना का भी सपना था कि बेटा आईएएस बने। आज जब रिजल्ट आया तो पिता तो इस दुनिया में नहीं है लेकिन पास का रिजल्ट सुनते ही मां की आंखों में आंसू आ गए। विपरीत परिस्थितियां होने की वजह से घर छोडक़र बाहर पढ़ाई के लिए नहीं जा सका। घर में ही रहकर सात से आठ घंटे की पढ़ाई की और परिणाम सामने है। फैमिली में बहन कृति इंजीनियर और श्रुति इंदौर हाईकोर्ट में एडवोकेट हैैं।

जनता की समस्याएं दूर करेंगी कृतिका
सिटी के गांधी नगर की रहने वाली कृतिका मिश्रा ने सिविल सर्विस एग्जाम में एआईआर 66वीं रैैंक पाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। बताया कि मैैं बचपन से चाहती थी की किसी ऐसे पद पर बैठू जहां पर बैठकर मैं लोगों की समस्याओं को दूर कर सकूं। अब ईश्वर ने मुझे यह मौका दिया है, जिसको मैं पूरी ईमानदारी से निभाऊंगी। इस एग्जाम को पास करने में मुझे तीन साल का समय लगा है। हर दिन इसमें यही लगता था कि कुछ नया सीखना है। कभी-कभी थोड़ा तनाव भी आता था, मगर उस तनाव को कभी हावी नहीं होने दिया। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय फैमिली को दिया है। बताया कि उनको यह सक्सेस सेल्फ स्टडी से मिली है। यह सीएसजेएमयू से पीएचडी भी कर रही हैैं। बीएनएसडी इंटर कॉलेज में टीचर और कृतिका के पिता डॉ। दिवाकर मिश्रा ने कहा कि दोपहर में जब खाना खा रहे थे उसा दौरान बेटी ने फोन कर यह खुशखबरी दी थी। बेटी की मेहनत और लगन ने उसे अधिकारी बना दिया है। बताया कि बेटी ने पढ़ाई का कभी कोई समय निर्धारित नहीं किया था, जब भी मौका मिला उसने अपना पूरा समय सिर्फ पढ़ाई में दिया, जिसका नतीजा आज सबके सामने है.कृतिका स्टूडेंट्स लाइफ से ही क्लास में हमेशा फस्र्ट रैैंक लाती थी.स्टेट और नेशनल लेबल के कॉम्पटीशन में भी इन्होंने अपनी परचम लहराया है। 2015 का बाल श्री पुरस्कार कृतिका ने जीता है.फैमिली में मां सुषमा मिश्रा हैैं जो कि एलआईसी में कार्यरत हैैं। वहीं इनकी छोटी बहन मुदिता मिश्रा है, जिसने युवा संसद की प्रथम विजेता होने का गौरव प्राप्त किया है। उसका भाषण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष हुआ था।

आखिरी प्रयास में सफल हुई कृतिका
बर्रा की रहने वाली कृतिका मिश्रा ने सिविल सर्विस एग्जाम में एआईआर 401 रैैंक पाई है। यह रैैंक इनको अपने छठे और अंतिम प्रयास में मिली है। बताया कि 12वीं के बाद एनआईटी प्रयागराज से बीटेक (बायोटेक्नोलॉजी) की पढ़ाई की है। उसी दौरान कॉलेज मेें देखती थी कि स्टूडेंट्स सिविल के एग्जाम को पास करते हैैं। उन्हीं से मोटिवेट होकर तैयारी स्टार्ट की। बीटेक करने के बाद 10 महीने बंगलूरू में 8.33 लाख सालाना के पैकेज पर नौकरी की। नौकरी छोडक़र आने के बाद 2016 से सिर्फ इसी तैयारी में जुट गई। पांच बार असफलता मिली, जिसमें एक बार इंटरव्यू तक पहुंची थी। यह लास्ट चांस था, जिसमें वह सक्सेस हुई हैैं। बताया कि वह कोचिंग के अलावा डेली 6-7 घंटे सेल्फ स्टडी करती थी। सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स के लिए इन्होंने कहा कि सिलेबस पर फोकस करें और बीते सालों के एग्जाम पेपर को जरूर देखें। यदि किसी प्रयास में असफल हो तो हार न माने लगे रहें एक न एक दिन सक्सेस जरूर मिलेगी। यह सर्विस के अलावा वूमेन एंपावरमेंट और किताब लिखेंगी। इनके पिता शरद मिश्रा इंजीनियर और मां नीलम मिश्रा हाउसवाइफ हैैं। इन्होंने आर्य नगर स्थित उत्कर्ष एकेडमी के एग्जाम की प्रीपरेशन की हैैं।

एएसआई की बेटी की 748 रैैंक
सीबीसीआईटी में तैनात एएसआई केश प्रताप सिंह की बेटी निधि सिंह ने सिविल सर्विस एग्जाम में एआईआर 748 रैैंक आई है। बचपन से ही पिता के मुंह से अधिकारियों की जिंदादिली के किस्सों को सुनती आती थी। तभी से मन में था कि मुझे भी अधिकारी बनना है। 12वीं के बाद पीपीएन कॉलेज से बीए करने के बाद जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) नई दिल्ली से बीए (पॉलिटिकल साइंस) की पढ़ाई की। बताया कि जेएनयू मेें मुझे बहुत कुछ जानने को मिला। इनको यह सफलता दूसरे प्रयास में मिली है। अभी यह टॉप रैैंक लाकर आईएएस बनने के लिए 28 मई को होने वाली यूपीएससी प्री की परीक्षा में शामिल होंगी। बताया कि तैयारी के दौरान मां अल्का दुआएं करती और खाने पीने का ख्याल रखती थी। इस सफलता में मां का अहम योगदान हैै। कहा कि इस एग्जाम की प्रीपरेशन करते समय कांफीडेंस लेबल को कम नहीं होने देना चाहिए। यह फजलगंज की रहने वाली हैैं। इन्होंने आर्य नगर स्थित उत्कर्ष एकेडमी के एग्जाम की प्रीपरेशन की हैैं।