कानपुर (ब्यूरो)। वीआईपी ट्रेनों में पथराव करने वालों की पोल ट्रेन में लगे सीसीटीवी कैमरों ने खोली है। सीसीटीवी की मदद से 40 आरोपियों की पहचान कर उन पर कार्रवाई की गई है। किसी पर जुर्माना तो किसी को ्रजेल भेजा गया है। यह जानकारी एडीजी रेलवे जय नारायण सिंह ने दैनिक जागरण आईनेक्स्ट से बातचीत के दौरान दी। उन्होंने बताया कि कार्रवाई के बाद से पथराव की घटनाओं में कमी आई है।
शाम 5 से 7 बजे के बीच सबसे अधिक घटनाएं
एडीजी रेलवे ने बताया कि सुबह 10 से 11 व शाम को 5 से 7 बजे के बीच सबसे अधिक पथराव की घटनाएं होती है। क्योंकि इस टाइम ट्रैक किनारे ग्रामीण इलाके के बच्चे अपने जानवरों को चराते हंै। लिहाजा इस टाइम पर ही स्पॉट को चिन्हित कर पेट्रोलिंग बढ़ाई गई। वहीं स्थानीय लोगों को अवेयर किया गया। इस दौरान उनको पथराव करने की सजा व जुर्माना के बारे में भी बताया गया।
रेलवे एक्ट की 153 धारा में दर्ज होता मुकदमा
आरपीएफ के मुताबिक, ट्रेन में पथराव करने के मामले में रेलवे एक्ट की धारा 153 के तहत मुकदमा दर्ज होता है। जिसमें जुर्माना का प्रावधान न होकर सीधे सजा है। एक्ट के तहत आरोपी को चार से पांच साल की सजा होती है। कई मामले में तो आरोपी को कोर्ट से कुछ दिनों में जमानत मिल जाती है लेकिन इसका केस कई साल चलता है।
दादरी, रूरा, प्रेमपुर के पास हुई अधिक घटनाएं
आरपीएफ आफिसर्स के मुताबिक, बीते एक वर्ष में गाजियाबाद से मुगलसराय के बीच ट्रेनों में पथराव की घटनाओं में सबसे अधिक दादरी, रूरा से झींझक व प्रेमपुर से फतेहपुर के बीच हुई हंै। जिसमें 12 से अधिक आरोपियों के खिलाफ ट्रेन में लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर रेलवे एक्ट के तहत मुकदमा भी दर्ज किया है। इस कार्रवाई के बाद ट्रेनों में पथराव होने की घटनाएं काफी कम हो गई है।
छह लोग हुए थे घायल
आरपीएफ आफिसर्स के मुताबिक, बीते वर्ष में गाजियाबाद से मुगलसराय के बीच एनसीआर सेक्सन में 40 से अधिक पथराव की घटनाएं हुई है। इन पथराव की घटनाओं में छह पैसेंजर्स मामूली रूप से कांच के टुकड़े लगने से घायल भी हुए है। इन घटनाओं के खुलासे ट्रेन में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज के आधार पर करने के साथ ही आरोपी के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है।