कानपुर (ब्यूरो)। कोलकाता रेप कांड के बाद पूरे देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर प्लान बनाए जा रहे हैैं। इसी क्रम में कानपुर कमिश्नरेट पुलिस मंडे को महिलाओं की सेफ्टी के लिए ई-सिक्योरिटी एप लांच करेगी। एप की मदद से घरों और ऑफिस में काम करने वाली महिलाओं के साथ ही ट्रेन और बस में सफर करने वाली महिलाओं को सिक्योरिटी करने में मदद मिलेगी। पुलिस ने &हर मोड़ पर, कानपुर पुलिस आपकी सेवा में तत्पर, एक कॉल पर अर्जेंट हेल्प&य का स्लोगन दिया है। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पुलिस ने पूरी तैयारी कर ली है। पुलिस लाइन में एक सर्वर रूम बनाया जाएगा, जिससे पूरे जिले के ई-सिक्योरिटी एप को कंट्रोल किया जाएगा।

तीन फेज में काम के बाद शुरू होगा एप

फस्र्ट फेज: जहां लेडीज जातीं, वो प्लेस चिन्हित होंगे
पहले फेज में मंडे से से वह स्थान चिन्हित किए जाएंगे, जहां महिलाएं और पुुरुष दोनों काम करते हैैं, जैसे बैैंक, सरकारी और निजी ऑफिस, स्कूल, कॉलेज, मॉल्स, शो रूम्स, पब्लिक प्लेसेज जैसे जू, मोतीझील, फूलबाग, संजय वन मेन मार्केट शिवाला, नयागंज, बिरहाना रोड, शहर के बड़े छोटे होटल व रेंस्टो्ररेंट, बस स्टॉप, ई बसों के रूट पर बने बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट व शहर में जहां बिल जमा होने के दौरान लंबी लाइनें लगती है। शहर के सभी चौराहे ई-सिक्योरिटी एप पर फीड किए जाएंगे। इसमें थानों की पुलिस से हेल्प लेकर उन स्थानों को भी फीड किया जाएगा, जहां महिलाओं से संबंधित क्राइम होता है।

सेकंड फेज: सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग
दूसरे फेज में बीपीओ उन लोगों से मिलेंगे, जो घर के बाहर काम करने जाती हैैं। थाना पुलिस उन ऑफिस में जाकर जागरूकता अभियान चलाएंगे, लोगों को न सिर्फ एप और सेल्फ डिफेंस की जानकारी दी जाएगी बल्कि उनके मोबाइल में इस एप को डाउनलोड कर दिया जाएगा। स्कूलों में जाकर स्टूडेंट्स और स्टॉफ को इस एप की जानकारी दी जाएगी, लेडी पुिलस कर्मी मौके पर इनसे निपटने के पैैंतरे स्टूडेंट्स और स्टॉफ को शार्ट फिल्मों को दिखाकर सिखाएंगे। जिससे मदद पहुंचने तक पीडि़ता खुद अपने को सेïव कर सके। जिन लोगों के मोबाइल में ये ऐप सेव किया जाएगा, उसकी ई-लिस्टिंग भी की जाएगी।

थर्ड फेज: लेडीज को बताएंगे, कैसे मिलेगी हेल्प
तीसरा फेजऑपरेशनल फेस होगा, जिसमें पूरा ई-सिक्योरिटी सिस्टम काम करने लगेगा। इसके लिए यूपी पुलिस में तैनात एसएसएफ के जवानों को लगाया गया है। महिलाओं को सिखाया जाएगा कि किस तरह से उन्हें इस एप से हेल्प मिल सकती है। हर जोन का अलग कोड होगा। मोबाइल पर एसओएस कॉल्स की तर्ज पर केवल एक नंबर पुश करना होगा। इसके पुश करते ही इसकी जानकारी सबसे करीबी पुलिस कर्मियों तक पहुंच जाएगी, किस नंबर से कॉल आया? उसका लोकेशन क्या है? उसका नंबर क्या है? कम वक्त में पुलिस की टीम मौके पर पहुंच कर उस महिला की हेल्प करेगी।

शहर में होगा प्रचार प्रसार
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ऑपरेशन त्रिनेत्र की तर्ज पर मोहल्ला-मोहल्ला, सडक़-सडक़ और गली-गली पुिलस इसका प्रचार प्रसार करेगी। इसमें महिला पुलिस कर्मियों के साथ समाजिक संस्थाों की मदद भी ली जाएगी। पुलिस अधिकारियों की माने तो थाना क्षेत्रों में मौजूद दुराचारियों की जानकारी भी इस एप पर डाली जाएगी, जो मनचला या शोहदा छेडख़ानी करता पाया जाएगा। ई-एल्बम में उसकी तस्वीर और बॉडी साइन फीड किया जाएगा।

ऐसे होगी सुरक्षा
- रात में महिलाओं के आवगमन से संबंधित कार्यस्थलों की चिन्हांकन
- रात के समय निकलने वाली वर्किंग वूमेंस का रजिस्टे्रेशन
- कामकाजी महिलाओं के गुजरने के मार्गों का अवलोकन व हॉटस्पॉट चिन्हित
- जागरूक करने के साथ ही सुरक्षा के लिए उनको ट्रेनिंग देना