कानपुर (ब्यूरो)। शहर से ह्यूमन ट्रैफिकिंग का बड़ा मामला सामने आया है। महाराष्ट्र पुलिस कुछ लोगों के पते की तस्दीक करने के लिए कानपुर पहुंची है, पहले एएचटीयू (एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट) में जाकर इनकी मिसिंग देखी गई। उसके बाद डीसीआरबी से जानकारी लेने के बाद महाराष्ट्र के ईगतपुरी से आई पुलिस टीम संबंधित जोनों में कानपुर पुलिस के साथ पते की तस्दीक करने निकली है। पुलिस सूत्रों की माने तो जिस लिस्ट को लेकर ईगतपुरी पुलिस कानपुर आई थी, उसकी पुष्टि डीसीआरबी ने कर दी है। इस लिस्ट में 13 महिलाएं और 9 पुरुष हैैं। महाराष्ट्र पुलिस की माने तो महाराष्ट्र में भीख मांगने वालों और प्रॉस्टीट्यूशन में शामिल महिलाओं को उनके घर पहुंचाने की योजना सरकार ने चला रखी है, जिसके अंतर्गत ही जानकारी करने के बाद घर से किसी मजबूरी में या बरगला कर ले जाए जा रहे लोगों को उनके घर पहुंचाना है। यूपी के 73 पुरुष 33 महिलाओं को ईगतपुरी पुलिस ने रिकवर किया है।

काम का झांसा देकर ले जाए जाते हैैं लोग
पुलिस सूत्रों की माने तो शहर के स्लम एरिया से काम का झांसा देकर युवक और युवतियों को ले जाया जाता है। कुछ दिन तक तो काम कराया जाता है उसके बाद बंधक बनाकर पुरुषों से भीख मंगवाई जाती है और महिलाओं को देह व्यापार के धंधे में डाल दिया जाता है। महाराष्ट्र के बड़े जिलों के अलावा दिल्ली, पंजाब और जम्मू में भी इस तरह के तमाम गैैंग काम कर रहे हैैं। टीम मेंबर्स ने बताया कि पूरा सिंडिकेट फिल्मी स्टोरी की तरह चलता है। अगर एक जिले में कोई पहचान होती है या उसकी तलाश में लगी टीमें उस तक पहुंच जाती है तो उसे सिंडिकेट के लोग दूसरे जिले में ट्रांसफर कर देते हैैं।


पहले भी कानपुर में आ चुका है मामला
इसके पहले भी कानपुर में काम के बहाने ले जाकर किडनैप करने और बंधक बनाकर भीख मंगवाने का मामला सामने आ चुका है। किदवई नगर चौराहे से सुरेश मांझी को लोग ले गए थे और दिल्ली के चौराहे पर भीख मंगवाते थे। किसी राहगीर की मदद से सुरेश स्टेशन पहुंच गया और कानपुर आकर उसने परिवार वालों को सारी जानकारी दी थी। हालांकि अब सुरेश की लंबी बीमारी के बाद मौत हो चुकी है। मछरिया निवासी सुरेश को अंधा कर भीख मंगवाई जा रही थी। तीन लोगों को पुलिस ने बरामद भी किया था। शहर से काम के बहाने विदेश (ओमान) ले जाकर ह्यूमन ट्रैफिकिंग का मामला भी सामने आया था।