कानपुर (ब्यूरो)। कभी खेत नपाई के नाम पर तो कभी जांच रिपोर्ट लगाने के नाम पर। कभी फसल के मुआवजे के लिए कभी सरकारी योजना का लाभ देने के लिए। बिना मुट्ठी गर्म किए लेखपाल और कानूनगो कलम नहीं चलाते हैं। इन्हीं की रिपोर्ट के आधार पर उच्च अधिकारी भी अपने फैसले लेते हैं। यही वजह है कि समाधान दिवस पर 50 फीसदी से ज्यादा शिकायतें लेखपाल और कानूनगो के रिश्वत मांगने की होती हैं। सितंबर के दूसरे शनिवार को हुए समाधान दिवस में भी कानूनगो और लेखपाल की दो दर्जन शिकायतें आई हैैं। जो अब तक जांच के दायरे में हैैं। जबकि एंटी करप्शन टीम कई बीते दिनों कई लेखपाल और कानूनगो को रंगे हाथ रिश्वत लेते दबोच चुकी है।
आजीआरए में गिर रही रैंकिंग
समाधान दिवस में आई शिकायतों की लगातार पेंडेंसी बढऩे से आईजीआरएस(सीएम कंप्लेंट पोर्टल) पर जिले की रैैंकिंग भी गिर रही है। ये हालात तब हैैं जब एंटी करप्शन के साथ विजिलेंस की टीम लगातार ट्रैप कर रही हैैं। बता दें कि लेखपाल राजस्व विभाग की बेहद अहम कड़ी होता है। खासकर ग्रामीण इलाकों में। बाढ़ से लेकर अन्य कोई प्राकृतिक आपदा हो या फिर किसी सरकारी योजना का लाभ पहुंचाना हो, लेखपाल की रिपोर्ट पर ही सब कुछ तय होता है। क्योंकि उसे ही मौके पर जाकर रिपोर्ट लगानी होती है। जिसके एवज में वह अक्सर रिश्वत की मांग करते हैं। काम में किसी प्रकार का अड़ंगा न लगे, इसलिए ज्यादातर लोग रिश्वत दे भी देते हैं।
नपाई के लिए मांग रहा 10 हजार
नरवल तहसील में सितंबर के दूसरे शनिवार को हुए समाधान दिवस में लेखपाल की शिकायत की गई थी। इसमें शिकायत कर्ता टौंस के पवन कुमार ने शिकायत की थी। उनका आरोप है कि लेखपाल उनकी जमीन की नाप करने के 10 हजार रुपये मांग रहा है। वह 25 दिन से वे दौड़ रहे हैैं लेकिन रिश्वत न देने के कारण किसी ने किसी बहाने उसे टरका दिया जाता है।
शिकायत करने पर धमका रहे
घाटमपुर तहसील के रेउना निवासी विमल ने लेखपाल पर आरोप लगाते हुए 15 हजार रुपये की मांग की शिकायत की थी। विमल ने दूसरा प्रार्थना पत्र दिया जिसमें उसने कहा कि उसकी शिकायत पर तो कार्रवाई नहीं हुई लेकिन लेखपाल के हितैषी उसे शिकायत वापस लेने के लिए धमका रहे हैैं। दूसरी बार विमल की शिकायत आईजीआरएस पर डाली गई है।
15 हजार दो औ चेक ले जाओ
तीसरी शिकायत भी नरवल तहसील की है, जहां फुफुवार निवासी पंकज ने शिकायत की है। दरअसल क्रासिंग बनने के दौरान पंकज की जमीन विकास कार्य में आ गई थी। जिसकी धनराशि की चेक भी बन चुकी है। इस चेक को देने के लिए पंकज से 15 हजार रुपये मांगे गए। कई दिन से वे अधिकारियों के दफ्तर में चक्कर लगा रहे हैैं, इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
जानकारी न होने पर सीधे नहीं आते हैैं लोग
विजिलेंस और एंटी करप्शन की जानकारी न होने की वजह से लोग सीधे शिकायत करने नहीं आ पाते हैैं। जिसकी वजह से शिकायतों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। एंटी करप्शन अधिकारियों की माने तो समाधान दिवस से शिकायत आईजीआरएस में लोड की जाती है, जिससे सभी के सामने आ जाती है। ऐसी हालत में ट्रैप करना बहुत मुश्किल होता है। लोगों को चाहिए कि वे सीधे एंटी करप्शन या विजिलेंस को शिकायत करें।
इस साल पकड़े चार कानूनगो और तीन लेखपाल
रिश्वतखोरों को पकडऩे के लिए एंटी करप्शन टीम के साथ विजिलेंस की टीम भी एक्टिव रहती है। 6 अक्टूबर 2024 तक एंटी करप्शन और विजिलेंस ने मिलकर 14 ट्रैप किए हैैं। इन 14 ट्रैप में चार कानूनगो और तीन लेखपाल रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किए जा चुके हैैं। इसके बाद भी समाधान दिवस में आई शिकायतों में दो दर्जन से ज्यादा शिकायतें पेंडिंग में पड़ी हुई है।
समाधान दिवस में एंटी करप्शन और विजिलेंस की टीम रहती है जो शिकायत करने वालों को जागरूक करती है और किसी के रिश्वत मांगने पर उसकी मदद करने के लिए भी कहती है। जो लोग सामने आते हैैं, उनकी शिकायत पर ट्रैप कर कार्रवाई की जाती है। शिकायत कर्ता 9454401987 पर सीधे शिकायत कर सकते हैैं।
जेएस सिंह, डिप्टी एसपी एंटी करप्शन