कानपुर (ब्यूरो)। हमारा प्रशासन औ सरकारी व्यवस्थाओं को किसी बड़े हादसे के बाद ही जागने की आदते है। अगर पहले से आंखें खुली रहें तो शायद हादसे ही न हों। कुछ ऐसा ही झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 11 नवजात बच्चों की मौत के बाद हुआ है। घटना के बाद हेल्थ डिपार्टमेंट अलर्ट हो गया है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट के एनआईसीयू में सेफ्टी को लेकर अहम बदलाव का निर्णय लिया है। वहीं डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल उर्सला के आईसीयू का भी स्ट्रक्चर बदलने के लिए शासन को प्रपोजल भेजा जाएगा। संडे को हैलट, उर्सला के आफिसर्स ने आईसीयू व एनआईसीयू में जाकर फायर सेफ्टी इक्विपमेंट्स की भी जांच की।
विंडो से हटाई गई लोहे की ग्रिल
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट के 30 बेड का एनआईसीयू हैं। जहां सैटरडे को प्रिंसिपल डॉ। संजय काला ने निरीक्षण कर फायर सेफ्टी सिस्टम को भी देखा था। इस दौरान उन्होंने एनआईसीयू के विंडो में लगी लोहे की ग्रिल को हटाने का आदेश संबंधित अधिकारियों को दिया था। संडे को एनआईसीयू के विंडो में लगी लोहे की ग्रिल हो हटा दिया गया है। इसके अलावा एनआईसीयू के पास ही लगे इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई पैनल बोर्ड को दूसरे स्थान में शिफ्ट करने का काम भी शुरू हो गया है। जिससे शॉट सर्किट के कारण आग की गुंजाइश न रहे।
आने जाने का रास्ता एक ही
उर्सला आईसीयू के प्रभारी डॉ। स्वपन गुप्ता बताया कि झांसी की घटना से सबक लेते हुए व्यवस्थाओं में कई बदलाव करने का निर्णय लिया गया है। संडे को आईसीयू के फायर सिस्टम को चेक करने के साथ ही फायर कंट्रोल सिलेंडर की जांच की गई है। इसके अलावा आईसीयू के स्ट्रक्चर में भी बदलाव करने का प्रस्ताव भी हेल्थ डिपार्टमेंट को भेजा जाएगा। वर्तमान में आईसीयू से जाने व आने का रास्ता एक ही है और वह भी काफी संकरा है। जिसकी वजह से इमरजेंसी स्थिति में समस्या खड़ी हो सकती है। लिहाजा स्ट्रक्चर में बदलाव कर एग्जिट और एंट्री के रास्ते को और बेहतर बनाया जाएगा।
डफरिन: जेनरेट के साथ लगे इलेक्ट्रिक पैनल
जिला महिला हॉस्पिटल 'डफरिनÓ में स्थित एनआईसीयू के बगल में ही पॉवर सप्लाई सिस्टम मौजूद है। जिसकी स्थिति बाहर से देखने में काफी खराब लग रही थी। प्लांट में जनरेटर के साथ ही पैनल लगे दिखाई दे रहे थे। जोकि दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। हेल्थ डिपार्टमेंट के आफिसर्स को इस गंभीर समस्या पर विचार करने की जरूरत है। वहीं एनआईसीयू के पास से पॉवर प्लांट को दूसरे स्थान पर शिफ्ट कराना चाहिए। जिससे भविष्य में कोई घटना घटित न हो सके।
उर्सला कार्डियक यूनिट के पास खुले में रखी बैटरी व चार्जर
उर्सला इमरजेंसी के ऊपर यानी की फस्र्ट फ्लोर में कार्डियक पेशेंट की सुविधा के लिए कार्डियक यूनिट बनी हुई है। जहां छह बेट का आईसीयू भी हैं। यहां गंभीर पेशेंट को एडमिट किया जाता है। यूनिट के एंट्री गेट के पास ही ओपन एरिया में एक दर्जन से अधिक बैटरी व चार्जर रखा हुआ हैं। जोकि किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है।