- सबसे बड़ी इमरजेंसी की व्यवस्था में नहीं हुआ सुधार, इमरजेंसी पेशेंट्स के लिए न अलग वेंटीलेटर आए, न डॉक्टर्स की टीम बनी
- अव्यवस्थाओं के चलते रात में आने वाले पेशेंट्स को बिना एडमिट किए ही लौटाए जाने की लगातार मिल रही हैं कम्प्लेन
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KANPUR: सिटी की सबसे बड़ी इमरजेंसी के अपग्रेडेशन के सभी दावे फेल हो गए। इमरजेंसी और ट्रामा के पेशेंट्स को बेहतर इलाज मिले, इसके लिए हैलट इमरजेंसी के अपग्रेडेशन में लाखों रुपए भी खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन नतीजा सिफर है। हालत यह है कि रात में आने वाले क्रिटिकल पेशेंट्स को भगाए जाने की घटनाएं एक के बाद एक सामने आईं। इमरजेंसी अपग्रेडेशन के दौरान जिन फैसेलिटीज को शुरू करने के दावे किए गए वह भी अधूरे हैं। जिसका खामियाजा पेशेंट्स को भुगतना पड़ रहा है।
अपग्रेडेशन में बढ़नी थी ये फैसेलिटीज-
- इमरजेंसी पेशेंट के लिए एक तरह की ट्रांजिट इमरजेंसी की फैसेलिटी बनाना
- माइनर ओटी में फोलिस डालने, छोटी सर्जरी की सुविधा
- डेडबॉडी निकालने के लिए पीछे से अलग रास्ता
- रिकवरी एरिया में एसआर, जेआर, नॉन पीजी जेआर और इंटर्न स्टूडेंट्स की ज्वाइंट टीम की तैनाती
- वेंटीलेटर और डिफ्रिबिलेटर की सुविधा
- बेड साइड एक्सरे, अल्ट्रासाउंड और ईको की सुविधा
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जानबूझ कर फेल हुई
एलएलआर हास्पिटल में इमरजेंसी अपग्रेडेशन को जानबूझ कर बेपटरी कर दिया गया। दरअसल, जिन फैसेलिटीज को बढ़ाया जाना था। उससे डॉक्टर्स पर काम का बोझ बढ़ना तय था। एसआर को भी दिल्ली के बड़े अस्पतालों की इमरजेंसी की तरह 24 घंटे डयूटी पर रहना पड़ता। साथ ही ईएमओ की भी जिम्मेदारी बढ़ती। ऐसे में अपग्रेडेशन के नाम पर मेन हॉल में बेड डाल कर खानापूर्ति कर दी गई। न तो एसआर, जेआर की टीम बनी और न दूसरी फैसेलिटीज शुरू हो सकीं। हालांकि अपग्रेडेशन के नाम पर 1.5 लाख रुपए जरूर खर्च हो गए।
रात में सिस्टम फेल
एलएलआर हास्पिटल की इमरजेंसी में 24 घंटे एडमिशन और ट्रीटमेंट की फैसेलिटीज मिलती है, लेकिन बीते कुछ दिनों में इमरजेंसी में लगातार पेशेंट्स को एडमिट न किए जाने की शिकायतें मिलीं। यहां तक कि एक पेशेंट की इलाज नहीं मिलने से मौत भी हो गई। मालूम हो कि यह सभी शिकायतें और घटनाएं इमरजेंसी के आर्थोपेडिक वार्ड में ही हुईं। अब प्रिंसिपल ने इस मामले में हर पेशेंट को भर्ती किए जाने का फरमान जारी किया है। ऐसे में व्यवस्था में कुछ सुधार की उम्मीद है।
वर्जन-
इमरजेंसी में हर पेशेंट को भर्ती किया जाएगा। इसके साथ ही रात में आने वाले पेशेंट का लॉग तैयार किया जाएगा। इमरजेंसी के अपग्रेडेशन के साथ आईसीयू में भी जल्द नए वेंटीलेटर बढ़ने हैं।
- डॉ। आरती लालचंदानी, प्रिंसिपल, जीएसवीएम मेडिकल कालेज