कानपुर (ब्यूरो)। सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट की डाटागिरी के चलते सिटी के हजारों स्टूडेंट स्कालरशिप को लेकर परेशान हैं। सेशन 2023-24 में सीएसजेएमयू, एचबीटीयू और एआईटीडी समेत सिटी के कई इंस्टीट्यूट के हजारों स्टूडेंट्स की स्कालरशिप रुक गई थी। लॉगिन करने पर अधिकतर स्टूडेंट्स को डाटा मिसमैच होना स्कालरशिप न आने की वजह में सामने आया था। स्टूडेंट्स का दावा था कि उन्होंने डाटा को ठीक से भरा है। लंबे समय तक चले विवाद के बाद रुकी स्कालरशिप को देने के लिए 15 जुलाई से 24 जुलाई तक पोर्टल को खोला गया। यह समय स्टूडेंट्स की ओर से डाटा या आवेदन को ठीक करने के लिए था। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। पोर्टल न चलने के कारण मौका मिलने के बाद भी स्टूडेंट्स परेशान हैैं। वह कालेज और सोशल वेलफेयर आफिसर की चौखट पर फरियाद लेकर पहुंच रहे हैैं।

आज है लास्ट डेट
स्टूडेंट लीडर अभिजीत राय ने बताया कि पोर्टल न चलने पर डिस्ट्रिक सोशल वेलफेयर आफिसर शिल्पी सिंह को ज्ञापन सौंपा गया है। 24 जुलाई स्टूडेंट लेवल से आवेदन या डाटा को ठीक करने की लास्ट डेट है। अब अगर लास्ट डेट को न बढ़ाया गया तो हालत जस के तस रहेंगे। हजारों स्टूडेंट को स्कालरशिप से वंचित रहना पड़ेगा।

हुआ था हंगामा
स्कालरशिप न मिलने के बाद सीएसजेएमयू, एचबीटीयू और एआईटीडी में जमकर हंगामा हुआ था। स्टूडेंट्स नारे लगाते हुए कैंपस की सडक़ों पर उतर आए और अफसरों का घेराव तक किया। इतना सब कुछ होने के बाद स्टूडेंट्स को मौका मिलने का आश्वासन दिया गया। लेकिन मौका मिला भी पोर्टल साथ नहीं दे रहा है।

बोले स्टूडेंट
फैमिली का बजट बिगड़ा
बीटेक मैकेनिकल के स्टूडेंट राम कृष्ण ने बताया कि 50 हजार के लगभग स्कालरशिप आ जाती थी। इस बार स्कालरशिप के न आने पाने से फैमिली का बजट बिगड़ा हुआ है। कालेज जा रहे हैैं तो वहां से जवाब मिला कि दो से तीन दिन वेट करो। अब वेट करते करते लास्ट डेट आ गई है। देवरिया से आकर पढ़ाई कर रहा हूं खर्च बहुत ज्यादा है।

मजाक बना रखा है
मऊ के रहने वाले पुष्पांशु सिटी में रहकर बीबीए एलएलबी की पढ़ाई कर रहे हैैं। बताया कि बीते साल 40 हजार स्कालरशिप आई थी, जिससे हास्टल और मेस का खर्च कुछ कम हो जाता था। इस बार डाटा मिसमैच बताकर भेजी नहीं। अब पोर्टल खुला है तो अपडेट नहीं हो रही है। स्कालरशिप को मजाक बना दिया गया है।

देना ही नहीं चाहते
जर्नलिज्म की पढा़ई कर रही शाइस्ता खान ने बताया कि एलुमिनाई कहते थे कि फीस का पैसा स्कालरशिप से वापस आ जाता है। लेकिन डिपार्टमेंट ने तो डाटा मिसमैच कहकर स्कालरशिप को भेजा ही नहीं। अब जब दोबारा मौका मिला तो पोर्टल नहीं चल रहा है। अब तो लगता है कि गवर्नमेंट स्कालरशिप देना ही नहीं चाहती है।