- शरीर के खास अंग में कष्ट दूर कर सकता है पौधरोपण, ज्योतिषाचार्य पंडित केए दुबे पद्मेश ने कार्यक्रम में बताए उपाय
>KANPUR : वृक्षों का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। पेड़ पौधों के बिन इंसान का जीवन परिकल्पना है। वृक्षों का महत्व ज्योतिष में भी बहुत है। यह बात ज्योतिषाचार्य पंडित केए दुबे पद्मेश ने कही। उन्होंने बताया कि हर इंसान का जन्म किसी न किसी नक्षत्र में हुआ होता है। नक्षत्रों के कमजोर होने पर उससे संबंधित इंसान के शरीर को कष्ट मिलता है। ऐसे में अगर निर्धारित संख्या में खास पौधे और वृक्ष लगाए जाएं तो उपको इस पीढ़ा से आराम मिल सकता है। ट्यूजडे को गुजैनी में ऑर्गनाइज एके प्रोग्राम के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी। इस मौके पर सौमित्र दुबे, सिद्धार्थ दुबे समेत कई लोग मौजूद रहे।
नक्षत्रों का अंग से संबंध
नक्षत्र-----------अंग
कृतिका---------सिर
रोहिणी------- मस्तिष्क
मृगशिर्ष------- भौंह
आद्र्रा------- आंखें
पुनर्वसु------- नाक
पुष्य------- होंठ
आश्लेषा------- कान
मघा------- ठोढ़ी
पूर्वाफाल्गुनी------- दायां हाथ
उत्तरा फाल्गुनी------- बायां हाथ
हस्थ -------उंगलियां
चित्रा------- गर्दन
स्वाती------- छाती
विशाख------- हृदय
अनुराधा------- पेट व लीवर
ज्येष्ठा------- अमाशय
मूल------- कांख
पूर्वाषाढ़ा------- पीठ
उत्तराषाढ़ा------- रीढ़
श्रवण------- कमर
धनिष्ठा------- गुदा
शतभिषा------- दाई जांघ
पूर्वाभाद्रपद------- बाई जांघ
उत्तरा भाद्रपद------- पिंडिलियां
रेवती------- घुटने
अश्वनी------- ऊपरी पांव
भरणी------- निचला पांव
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खास नक्षत्र में लगाएं इतने वृक्ष
नक्षत्र-वृक्ष-संख्या
अश्विनी-बांस-13
भरणी-फालसा-06
कृतिका-गूलर-10
रोहिणी-जामुन-11
मृगशिर्ष-खैर-09
आद्रा-बेहड़ा-18
पुनर्वसु-बांस-16
पुष्य-पीपल-19
आश्लेषा-नागकेसर-05
मघा-बरगद-13
पूर्वाफाल्गुनी-ढाक-06
उत्तराफाल्गुनी-पलाश-10
हस्त-अरीठा-11
चित्रा-बेल-09
स्वाती-अर्जुन-18
विशाखा-कटाय-08
अनुराधा-मौलसरी-08
ज्योष्ठा-देवदारू-07
मूल-रालका-13
पूर्वाआषाढ़ा-जामुन-06
उत्तराआषाढ़ा-कटहल-01या04
श्रवण-आक-20
धनेष्ठा-झटामासी-09
शतभिषा-कदम्ब-18
पूर्वभाद्रपद-आम-16
उत्तरभाद्रपद-नीम-09
रेवती-महुआ-05
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