कानपुर (ब्यूरो)। रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा देकर एक सिपाही और उसके दो साथियों ने बैंक के गार्ड से 19.40 लाख रुपये हड़प लिए। आरोप है कि सिपाही ने उनके बेटे के नाम का फर्जी नियुक्त पत्र दिया और ट्रेङ्क्षनग कराने के नाम पर एक माह लखनऊ में गेटमैन की नौकरी व दो माह धनबाद रेलवे स्टेशन पर टिकटबाबू का काम भी करवाया,लेकिन वेतन न मिलने पर जब गार्ड को शक हुआ तो जांच की, जिस पर फर्जीवाड़ा सामने आया। पीडि़त ने आरोपियों के खिलाफ बाबूपुरवा थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।

18 लाख का खर्च बताया
बगाही भ_ा निवासी सेवानिवृत्त फौजी केनरा बैंक में गार्ड हैं। उन्होंने बताया कि बैंक में पुलिस लाइन का एक सिपाही बृजेन्द्र कुमार यादव अक्सर आता था। उसने 2021 में छोटे बेटे गौरव की रेलवे में गेटमैन की नौकरी लगवाने की बात कही और 18 लाख रुपये खर्च होना बताया था। वह उसकी बातों में आ गए। उसने कुछ दिनों बाद बेटे का रेलवे का नियुक्त पत्र भी दिया और पांच लाख रुपये ले लिए। यहां तक कि एक माह लखनऊ में बेटे को एक क्राङ्क्षसग पर गेट खोलने और बंद करने की ट्रेङ्क्षनग भी करवाई। उसने और रुपये लिए।
ऐसे फंसाया जाल में

इस बीच बृजेंद्र ने कहा कि बेटा पढ़ा लिखा है। उसे टिकट बाबू बनवा देते हैं। बृजेंद्र ने दो लोगों को बैंक में लाकर उनसे मिलवाया था,जिसमें एक को रेलवे का डीआरएम और दूसरे सचिवालय में अधिकारी बताया। इसी तरह बहाने से रुपये लेते रहे। करीब 19.40 लाख रुपये उसने ले लिए। इसके बाद उन लोगों ने बेटे को ट्रेङ्क्षनग के लिए धनबाद के रेलवे स्टेशन भेजा,जहां कुछ एक ट्रेन ही गुजरती थीं। दो माह काम करने के बाद भी वेतन न मिलने पर पूरे मामले की जांच की,जिसके बाद फर्जीवाड़ा का पता चला।

रुपये वापस मांगने पर दी धमकी
रुपये वापस मांगने पर वह पहले टालता रहा,फिर धमकाने लगा। पीडि़त ने कोर्ट के माध्यम उन्होंने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, षडयंत्र रचने, कूटरचित दस्तावेज बनाने समेत धारा में बाबूपुरवा थाने में मुकदमा दर्ज कराया। थाना प्रभारी अरुण द्विवेदी ने बताया कि मामले की जांच की जारही है।