कानपुर (ब्यूरो)। अगर आपका बच्चा भी टीनएजर है और वह स्कूल जाता है तो यह न्यूज आपके लिए ही है। दरअसल, सिटी में स्कूलों के पास ही गांजा तस्करों का गैंग एक्टिव है, जो टीनएजर्स को टारगेट करते हैं। इस गैंग में पुरुष बच्चों को जाल में फंसाते हैं। जबकि महिलाएं गांजा सप्लाई करती हैं। फ्राइडे को ऑपरेशन सुदर्शन के तहत प्रभात प्रहरी टीम ने चार महिलाओं सहित आठ लोगों को अरेस्ट किया। इनके कब्जे से 9 किलो 800 ग्राम गांजा बरामद हुआ। पुलिस पूछताछ में महिलाओं ने बताया कि वे कंजडनपुरवा से गांजा लाकर पॉश इलाकों में सप्लाई करती हैैं। महिला होने की वजह से कोई उन पर शक नहीं करता है। पुलिस के मुताबिक, पकड़ी गई महिलाएं पहले भी नशीले पदार्थ की तस्करी में जेल जा चुकी हैैं। सभी से पूछताछ में बड़े गैैंग की जानकारी पुलिस को मिली है, जिस पर पुलिस की टीम ने काम करना शुरू कर दिया है।
ऐसे काम करता था गैंग
पुलिस गिरफ्त में आए तस्कर पनकी कलां कच्ची बस्ती के रहने वाले हैैं। तीन महिलाएं एक ही परिवार की हैैं, जबकि एक महिला दूसरे परिवार की। पकड़े गए पुरुष तस्कर भी एक ही परिवार के हैैं। सभी महिलाओं सुबह घर से नशीला पदार्थ लेकर निकलती हैैं। उनसे कुछ दूरी पर पुरुष भी मौजूद रहते हैैं। पुरुष कस्टमर की तलाश करते हैैं। इनसे चंद कदम की दूरी पर महिलाएं नशीला पदार्थ लेकर खड़ी रहती हैैं। कस्टमर से सौदा तय करने के बाद पुरुष महिलाओं की तरफ इशारा कर देते हैैं और कस्टमर महिलाओं से नशीला पदार्थ ले लेते हैैं। इस ट्रॉजेक्शन में अगर कोई विवाद होता है तो महिलाएं छेड़छाड़ का आरोप लगाकर मदद के लिए लोगों को बुला लेती हैैं, लोगों के आते ही पूछताछ शुरू होती है और महिलाएं वहां से नौ दो ग्यारह हो जाती है।
स्कूल-कॉलेज को करते टारगेट
दरअसल, इन दिनों स्कूल कॉलेज खुल गए हैैं। नए ग्राहक बनाने के लिए गैैंग के सभी लोग एक साथ निकलते हैैं। स्कूल टाइमिंग में जगह बदल-बदल कर गांजे की सप्लाई करते हैैं। अगर नशीला पदार्थ नहीं बिक पाता है तो इलाके की पॉश कॉलोनियों की तरफ रुख कर लेते हैैं। शाम तक पूरे माल सप्लाई करने के बाद ही ये लोग घर लौटते थे। सभी अलग-अलग ई रिक्शा से अलग-अलग ठिकानों पर उतरते हैैं और उसके बाद नशीला पदार्थ बेचना शुरू कर देते हैैं।
नए और पुराने कस्टमर्स का अलग है रेट
पुलिस पूछताछ में पता चला कि सभी अलग-अलग दाम पर नशीला पदार्थ बेचते हैैं। कोशिश करते हैैं कि नया ग्राहक मिले, जिससे मनमानी रकम वसूली जा सके। पुराने कस्टमर्स दाम जानते हैैं। लिहाजा पुराने दाम पर ही नशीला पदार्थ लेते हैैं।