कानपुर (ब्यूरो)। सेंट्रल बोर्ड आफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) से एफिलिएटेड स्कूलों को कंपोजिट स्किल लैब बनानी होगी। सीबीएसई के डायरेक्टर (स्किल एजुकेशन) डॉ। बिस्वजीत साहा ने सभी स्कूल प्रिंसिपल और हेड्स को सर्कुलर जारी करते हुए कहा कि नई मान्याता लेने वाले स्कूलों को कंपोजिट स्कूल लैब बनाना कंपलसरी है। इसके अलावा पुरानी मान्यता वाले स्कूलों को तीन साल के भीतर लैब बनानी होगी। क्लास छह से 12 तक के लिए 600 स्क्वायर फुट एरिया में एक लैब बना सकते हैैं। इसके अलावा क्लास छह से 10 के लिए और क्लास 11 और 12 के लिए दो अलग अलग लैब बना सकते हैैं। इन लैब्स का एरिया 400 स्क्वायर फुट होना चाहिए।

एक स्किल सब्जेक्ट कंपलसरी
सर्कुलर में स्पष्ट लिखा हुआ है कि एनसीएफ (स्कूल एजुकेशन) ने क्लास छह से एक स्किल सब्जेक्ट को कंपलसरी करने की बात कही गई है। साथ साथ यह भी कहा गया है कि स्टूडेंट्स को थ्योरी के साथ साथ प्रैक्टिकल भी कराए जाएं, जिससे कि वह ठीक ढंग से स्किल्ड हो सकें। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि स्टूडेंट्स की ओर से सिलेक्ट किए गए स्किल सब्जेक्ट से जुड़े प्रोजेक्ट से जुड़े कामों में शामिल होने का मौका दिया जाना चाहिए। ऐसा करने से थ्योरी और प्रैक्टिकल के बीच की खाई को पाटा जा सकेगा। सर्कुलर मेें यह भी कहा गया है कि जो स्कूल, स्टूडेंट्स को एक भी स्किल सब्जेक्ट नहीं पढ़ा रहे हैैं वह कम से कम एक सब्जेक्ट को जरूर पढ़ाएं।

फैसिलिटी और टूल्स का अभाव

डॉ। साहा की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया कि कई स्कूलों में हैैंड्स ऑन ट्रेनिंग के लिए जरूरी फैसिलिटी और टूल्स का अभाव है। ऐसे में कंपोजिट स्किल लैब उस अंतर को पाटने का काम करेगी। इस लैब में जरूरी टूल्स और मशीनरी आदि होगी, जिसमें स्टूडेंट्स सीखकर अपनी स्किल को डेवलप कर सकें।

सीबीएसई के स्किल सब्जेक्ट

सीबीएसई की ओर से क्लास 06 से 08 तक 33 स्किल सब्जेक्ट है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, ब्यूटी एंड वेलनेस, हैैंडीक्राफ्ट और कोडिंग आदि शामिल हैैं। वहीं, क्लास 09 से 10 के बीच रिटेल, सिक्योरिटी, आटोमोटिव, फूड प्रोडक्शन और हेल्थ केयर समेत 22 स्किल सब्जेक्ट हैैं। क्लास 11-12 की बात करें तो यहां पर आईटी, टूरिज्म, हार्टिकल्चर और टेक्सटाइल डिजाइन समेत 43 सब्जेक्ट्स हैैं। स्टूडेंट्स इन सब्जेक्ट्स में किसी सब्जेक्ट को सिलेक्ट करते हैैं। हालांकि सब्जेक्ट का सिलेक्शन करते समय स्कूल मेें फैकल्टी और फैसिलिटी आदि का भी ध्यान रखा जाता है।