कानपुर (ब्यूरो)। घर बैठे किसी मकान, दुकान, फ्लैट या जमीन की रजिस्ट्री की जानकारी ऑनलाइन करने के लिए अभी इंतजार करना होगा। फूलबाग, बिल्हौर, घाटमपुर में पुरानी रजिस्ट्रियों के डिजिटाइजेशन का वर्क चल रहा है। डेढ़ साल में भी 15 साल का रिकॉर्ड अपलोड नहीं हो सका है। 45 कंप्यूटर ऑपरेटर और 13 एमटीएस (मल्टी टास्क स्टाफ) रजिस्ट्रियां अपलोड करने के काम में लगे हैं।
डेढ़ साल से चल रहा काम
जिले में डेढ़ साल से रजिस्ट्री डिजिटाइजेशन का वर्क चल रहा है। पहले चरण में 2002 से 2017 तक की रजिस्ट्रियों का रिकॉर्ड अपलोड होना है। 2017 के बाद रजिस्ट्री कंप्यूटराइज्ड हो गई थी। बाद में वर्ष 1990 से 2017 तक की रजिस्ट्रियों का रिकॉर्ड अपलोड होगा। शहर का काम फूलबाग में चल रहा है। बिल्हौर और घाटमपुर तहसीलों में भी तेजी से काम हो रहा है। नर्वल तहसील का गठन बाद में हुआ। वहां होने वाली रजिस्ट्रियां कंप्यूटराइज्ड हैं।
पारदर्शी हो जाएगी व्यवस्था
रजिस्ट्री डिजिटाइजेशन का काम पूरा होने पर रजिस्ट्री की व्यवस्था पारदर्शी हो जाएगी। कोई भी व्यक्ति किसी भी रजिस्ट्री की जानकारी आनलाइन कर सकेगा। भूमि संबंधी विवादों को कम से कम करने और व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए रजिस्ट्रियों को स्कैन कर उनका डिजिटाइजेशन किया जा रहा है। यह काम होने पर लोगों को घर बैठे वर्षों पुरानी या कभी की रजिस्ट्री देखने की सुविधा मिलने लगेगी।
तो रोक देगा रजिस्ट्री प्रॉसेस
ऐसा सॉफ्टवेयर भी तैयार कराया जा रहा है कि किसी प्रॉपर्टी पर विवाद हुआ तो साफ्टवेयर रजिस्ट्री की प्रक्रिया रोक देगा। एआइजी स्टांप श्याम ङ्क्षसह बिसेन ने बताया कि वर्षों पुरानी रजिस्ट्रियों को स्कैन करने के बाद संबंधित साफ्टवेयर पर अपलोड करने का काम चल रहा है। अभी जिले की 2002 से 2017 तक की रजिस्ट्रियों को अपलोड किया जा रहा है। यह रिकार्ड अपलोड होने के बाद वर्षों पुरानी रजिस्ट्रियां ऑनलाइन हो जाएंगी।