कानपुर (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा ट्रामा सेंटर जीएसवीएसएस पीजीआई के बगल में पड़ी खाली जमीन में बनाया जाएगा। जिसका पूरा संचालन सोलर प्लांट से किया जाएगा। जिसकी वजह से पेशेंट को गर्मी के मौसम व केस्को के शटडाउन के दौरान बिजली संकट से नहीं जूझना पड़ेगा। बिजली अधिक बनने पर ट्रामा सेंटर प्रशासन उसे केस्को को बेच भी सकेगा, जिसका सीधा मुनाफा ट्रामा सेंटर को पहुंचेगा।
घंटों गुल हो जाती है बिजली
बता दें कि जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में केस्को बिजली सप्लाई करता है। फॉल्ट होने पर या केस्को कर्मियों के शटडाउन लेकर आवश्यक कार्य करने की वजह से घंटों तक बिजली नहीं रहने पर हैलट हॉस्पिटल की ओपीडी से लेकर वार्ड तक में पेशेंट को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। खासकर गर्मी व उमस भरी गर्मी के मौसम में तो पेशेंट का वार्ड में रूकना तक दुर्भर हो जाता है। इसके साथ ही जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज परिसर में बिजली कट जाने पर डॉक्टर्स व मेडिकल स्टूडेंट्स को भी परेशानी होती है।

पेशेंट की समस्या को देखते हुए लिया फैसला
जीएसवीएसएस पीजीआई के बगल में बनने वाले ट्रामा सेंटर में सोलर प्लांट लगाने का फैसला लिया गया है। ट्रामा सेंटर के निर्माण के लिए करीब एक हजार वर्ग मीटर की जमीन जीएसवीएस मेडिकल कॉलेज ने चिन्हित कर ली है। जीएसवीएसएस पीजीआई के नोडल आफिसर डॉ। मनीष सिंह ने बताया कि ट्रामा सेंटर का संचालन सोलर प्लांट से किया जाएगा।

सरप्लस बिजली बेच भी सकेंगे
हैवी सोलर प्लांट से सभी उपकरणों का संचालन होगा। अगर बिजली जाएगी भी तो ट्रामा सेंटर में बिजली से संबंधित समस्या नहीं होगी। जरूरत से अधिक बिजली स्टोर होने पर उसे बेचा भी जा सकेगा। बेची गई बिजली से मिलने वाले रुपये को ट्रामा सेंटर के आवश्यक कार्यों में लगाया जाएगा। सोलर प्लांट के संबंध में शासन के निर्देश पर कुछ कंपनियों से वार्ता भी की जाएगी।

50 बेड का बनेगा इमरजेंसी वार्ड
कानपुर या कानपुर देहात, कन्नौज, फतेहपुर, हमीरपुर, इटावा, औरैया, बांदा या उन्नाव आदि सिटी में अगर किसी भी प्रकार का कोई बड़ा हादसा होता है या फिर महामारी आती है तो उससे निपटने की भी तैयारी ट्रामा सेंटर में की जाएगी। नोडल आफिसर डॉ। मनीष सिंह ने बताया कि ट्रामा सेंटर में 50 बेड का अलग से इमरजेंसी वार्ड बनाया जाएगा, जो हमेशा बंद रहेगा। यह वार्ड महामारी या फिर किसी बड़े हादसे में घायल हुए पेशेंट के लिए खोला जाएगा।