कानपुर (ब्यूरो)। हेलो, जय बाबा की भइया। मैं काकादेव के हॉस्टल से बोल रहा हूं। माल है क्या। मिल जाएगा, ठीक है, दो पैकेट पहुंचा दो। जी हां हम बात कर रहे हैं काकादेव की कोचिंग मंडी की। कानपुर समेत दूसरे जिलों के स्टूडेंट्स से गुलजार रहने वाली इस एरिया को पढ़ाई का हब कहा जाता है, यहां एजुकेशन के लिए सभी फैसिलिटीज हैं। लेकिन, हाल फिलहाल ये गंाजा तस्करी का हब भी बन गया है। यहां पर स्टूडेंट्स को ऑन कॉल गांजा सप्लाई किया जा रहा है। यह बात हम यूं ही नहीं बोल रहे हैं। संडे रात पुलिस ने छापा मारकर एक गांजा तस्कर को अरेस्ट किया तो यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ। पूछताछ में तस्कर ने बताया कि वह घर पर रहकर गांजा बेचता है। जबकि उसके दो साथी ऑन डिमांड गांजा सप्लाई करते हैं। पुलिस ने फिलहाल पकड़े गए तस्कर को जेल भेज दिया है। उसके घर से 11 किलोग्राम गांजा भी बरामद हुआ है। वहीं, उसके दो अन्य साथियों की तलाश की जा रही है। बताते चलें कि तीन दिन पहले ही वेस्ट जोन की पुलिस ने लगभग 10 किलो गांजे के साथ चार महिलाएं और दो पुरुषों को पकड़ा था।
ऐसे तस्करों तक पहुंची पुलिस
पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के आदेश पर ऑपरेशन सुदर्शन चलाया जा रहा है। कुछ दिन पहले ही शहर में डीसीपी सेंट्रल के पद पर ज्वाइन करने वाले राजेश कुमार सिंह को जानकारी मिली कि काकादेव में रेलवे लाइन किनारे गांजे की बिक्री की जा रही है। सूचना को तस्दीक करने के लिए दो पुलिसकर्मी सादी वर्दी में गांजा लेने के लिए भेजे गए। जब सूचना तस्दीक हो गई तो पुलिस ने संडे देर रात छापेमारी की। इस दौरान गांजा बिक्री करने वाले विशाल सैनी ने छत से भागने का प्रयास किया, लेकिन जीने से गिर जाने की वजह से पुलिस ने उसे दबोच लिया। जबकि विशाल का भाई आलोक सैनी उर्फ कपली और पछपेड़वा ग्राम कल्याणपुर बरगदवा वसुंधरी बलरामपुर निवासी जावेद मौके से भाग निकला।
ऑन डिमांड डिलीवरी
एसीपी स्वरूप नगर शिखर ने बताया कि जांच में सामने आया कि विशाल के घर से काकादेव की स्टूडेंट बेल्ट में बड़े पैमाने पर गांजा की बिक्री की जा रही थी। विशाल घर से गांजा की बिक्री करता था। जबकि जावेद और विशाल का भाई आलोक ऑन डिमांड डिलीवरी करते थे। इसका अलग से चार्ज लेते थे। पूरे काकादेव कोचिंग मंडी में नशे का कारोबार फैला रखा है। पुलिस ने एक दिन की बिक्री का 22 हजार रुपए और 11 किलोग्राम गांजा बरामद किया है। पुलिस ने पकड़े गए विशाल सैनी को कोर्ट में पेश करने के बाद मंडे को जेल भेज दिया। जबकि फरार चल रहे आलोक और जावेद की तलाश में पुलिस की दो टीमों को लगाया गया है।
गैंग की तलाश में जुटी पुलिस
पुलिस ने बताया कि जावेद के खिलाफ 11 केस दर्ज हैैं। जिसमें नारकोटिक्स के ज्यादा मामले हैैं। डीसीपी सेंट्रल की माने तो पकड़ा गया विशाल सैनी शातिर अपराधी है। वह गांजा दूसरे प्रदेशों से लाकर यहां पुडिय़ा बनाता था और उसे ऑन कॉल स्टूडेंट्स को सप्लाई करता था। विशाल और दोनों फरार साथियों जावेद और आलोक सैनी के मोबाइल भी पुलिस को मिले हैैं। पुलिस इनके मोबाइल का सीडीआर निकाल कर पूरे गैैंग की तलाश में जुट गई है।
स्टूडेंट से लेकर वैन ड्राइवर तक तस्करी में शामिल
काकादेव कोचिंग मंडी पढ़ाई के साथ साथ नशे का कारोबार जोरों पर है। विशाल ने पुलिस को बताया कि उसका गैैंग ऑन कॉल गांजे की सप्लाई करता है। जिन वाहनों से कोचिंग में बच्चे पढऩे आते हैैं, उनके ड्राइवर, कई सालों से असफल हो रहे स्टूडेंट्स और कुछ हॉस्टल संचालकों के माध्यम से गांजे की सप्लाई की जा रही थी। काकादेव में दो दर्जन से ज्यादा चाय, नाश्ते की दुकानें और पान सिगरेट की दुकाने हैैं, जहां से गांजे की डिमांड आती है। दुकान पर मौजूद खरीदार को ऑन कॉल गांजा पहुंचाया जाता है और इसका कमीशन उस दुकानदार को भी दिया जाता है।