- स्मार्ट सिटी व‌र्क्स की धीमी रफ्तार पर सीएम ने दिए कार्रवाई के आदेश, लापरवाह अफसर, कर्मचारियों पर गिरेगी गाज

-शासन से मिले निर्देश के बाद कमिश्नर ने नगर आयुक्त से मांगी रिपोर्ट, स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट हो रहे हैं लगातार लेट

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KANPUR : स्मार्ट सिटी के व‌र्क्स भी लापरवाह कर्मचारियों की भेंट चढ़ते जा रहे हैं। इसको लेकर अब सीएम योगी ने सख्त रवैया अपनाया है। कानपुर स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट लगातार लेट हाने से गवर्नमेंट की छवि पर दाग लग रहा है। अब सीएम ने कमिश्नर से 2 दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों की रिपोर्ट मांगी है जो अपना काम सही से नहीं कर रहे हैं।

3 दिन में कार्रवाई कर

शासन में 19 अगस्त को हुई मीटिंग में सीएम ने स्मार्ट सिटी की बेहद धीमी रफ्तार पर अफसरों को फटकार लगाई थी। 25 अक्टूबर 2018 से 26 अप्रैल 2019 तक 4 बार कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन किसी भी अफसर व कर्मी पर कार्रवाई नहीं की गई। इस बार शासन ने 3 दिन में कार्रवाई कर रिपोर्ट भेजने के सख्त आर्डर दिए हैं। स्मार्ट सिटी प्रभारी पूजा त्रिपाठी के मुताबिक 2 महीने पहले डीपीआर बनाने में देरी करने पर पीएमसी रूद्राभिषेक इंटरप्राइजेज प्रा। लि। को नोटिस दिया गया था। इसके बाद कार्रवाई के लिए कोई दिशा निर्देश मुझे नहीं मिले हैं।

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'सपने' जो लेट हो रहे हैं

1. ई-पाठशाला काम बंद

इस योजना में 2.4 करोड़ रुपए से 6 गवर्नमेंट स्कूल्स में डिजिटल क्लास रूम तैयार किया जाना था, लेकिन हाल ही में कमिश्नर के निरीक्षण में काम बंद मिला। अभी तक सिर्फ 1 क्लास रूम ही बनाया जा सका है।

2. कंट्रोल एंड कमांड सेंटर पीछे

389 करोड़ से इस प्रोजक्ट में 1 सितंबर से 26 चौराहों पर ऑनलाइन चालान शुरू होने थे, लेकिन अभी तक इंटरनेट लाइन ही नहीं बिछाई गई है। कैमरे इंस्टॉल करने का काम चल रहा है। इसके अंतर्गत चल रहे वाई-फाई, स्मार्ट डिस्प्ले समेत 9 प्रोजेक्ट भी लेट चल रहे हैं।

3. स्मार्ट रोड भी घिसट रही

2.3 किमी। की स्मार्ट रोड सिटी की सबसे महंगी रोड है। 34.50 करोड़ से इसे बनाया जा रहा है, लेकिन इसका काम भी रुक-रुक कर चल रहा है। आए दिन इसकी कंप्लेन नगर निगम अफसरों तक पहुंच रही है।

4. ट्रांसफर स्टेशन भी वक्त से पीछे

सिटी अनूठे तरीके से 9.80 करोड़ से सॉलिड वेस्ट ट्रांसफर स्टेशन बनाने की शुरुआत हुई। फ‌र्स्ट फेज में 8 बनाए जाने थे। लेकिन अभी तक सिर्फ 3 ऑपरेट हो पाए हैं। बाकी पर अब भी काम चल रहा है।

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'सपने' जो हकीकत नहीं बने

1. इनडोर स्पो‌र्ट्स कॉम्प्लेक्स कैंसिल

इस प्रोजेक्ट की तय वक्त में डीपीआर तक नहीं बनी। इस पर सीएम ने इस योजना को कैंसिल ही कर दिया। 126.87 करोड़ से इसे पूरा किया जाना था। अगर ये प्रोजेक्ट बनता तो प्लेयर्स को इससे काफी फायदा मिलता।

2. स्किल डेवलपमेंट सेंटर

सिटी में 114.59 करोड़ से स्किल डेवलपमेंट सेंटर चुन्नीगंज बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। लेकिन इसमें भी कोई खास प्रोग्रेस नहीं है। ये हाल तब है जब मोदी और योगी गवर्नमेंट युवाओं को स्किल्ड बनाने में फोकस कर रही है।

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'सपने' जो अभी टेंडर प्रॉसेस में

1. स्मार्ट वॉटर मीटर

योजना की लागत- 25.96 करोड़

लाभ- 3.12 लाख लोगों को वाटर टैक्स जमा करने में आसानी।

2. वाटर सप्लाई (स्काडा)

योजना की लागत- 24.78 करोड़

लाभ-पानी की सप्लाई पर नजर और बर्बादी रुकेगी।

3. वेस्ट वॉटर रिसाइक्लिंग

योजना की लागत- 7.95 करोड़

लाभ- गंगा में 50 लाख लीटर पॉल्यूटेड वॉटर जाने से रुकेगा।