कानपुर (ब्यूरो)। हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एचबीटीयू) में न्यू एकेडमिक सेशन की शुरूआत हो चुकी है। रैैगिंग को रोकने के लिए एंटी रैगिंग कमेटी और एंटी रैगिंग स्क्वायड भी गठित हो गया है। इन सब के बाद मंडे को दोपहर लगभग एक बजकर 55 मिनट पर कैंपस के ईस्ट कैंपस में शताब्दी स्तंभ के पास स्टूडेंट्स का झुंड लगा देखा गया। सीढिय़ों पर सीनियर ऊपर की ओर और जूनियर नीचे की ओर खड़े थे। बताया जा रहा है कि सीनियर स्टूडेंट्स ने सबसे पहले तो एक साथ खड़ा करके सभी का इंट्रोडक्शन लिया, उसके बाद सीनियर से किस तरह से पेश आना है। सीनियर्स को लेकर किन रूल्स का पालन करना है। देखते ही किस तरह से शिष्टाचार से पेश आने हैैं। समेत कई सारे दिशा निर्देश दिए गए। इसी दौरान कुछ जूनियर स्टूडेंट्स सिर नीचे करके खड़े हुए भी दिखाई पड़े।

सीनियर को मैसेज में अंगूठा नहीं भेजना
सीनियर स्टूडेंट्स ने जूनियर्स को बताया कि वह मैसेज या ग्रुप आदि में बातचीत के दौरान किसी भी बात पर अंगूठा बनाकर नहीं भेजेंगे। इसके अलावा सीनियर्स के सामने आने पर गुड मार्निग, आफ्टरनून या इवनिंग कहते समय अंत में सर जरूर लगाना है। इसी बीच कुछ जूनियर्स को तेज आवाज में डांटा भी गया। पूरा घटनाक्रम लगभग 10 से 15 मिनट तक चलता रहा।

अफसरों को नजर नहीं आया
पूरा घटनाक्रम जिस स्थान पर हुआ वहीं पर यूनिवर्सिटी के टॉप लेवल अफसर बैठते हैैं। जिस रास्ते पर झुंड लगा था, उसी रास्ते से अफसरों की आवाजाही होती है। जिस समय पूरा घटनाक्रम चल रहा था उस समय कई टॉप लेवल अपने आफिस में बैठे थे। हालांकि किसी को इसकी जानकारी नहीं हुई और निकलते बैठते किसी की नजर भी नहीं पड़ी।

इंट्रोडक्शन तो क्लास में भी हो सकता
स्टूडेंट्स से जिस तरह से बातचीत की जा रही थी उसको इंट्रोडक्शन का नाम दिया जा रहा है। ऐसे में सवाल है कि इंट्रोडक्शन तो क्लासरूम में भी हो सकता था। तो फिर कैंपस की मेन बिल्ंिडग के सामने झुंड लगाने की क्या आवश्यकता थी। सूत्र बताते हैैं कि सीनियर स्टूडेंट्स ने अपनी दमखम को सबके सामने दिखाने के लिए खुले आसमान के नीचे और अफसरों की बिल्ंिडग के सामने इस काम को किया है।

जांच करेंगे
एचबीटीयू के डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ। अलक कुमार सिंह ने बताया कि
अगर बच्चे आपस में खड़े होकर इंट्रैक्ट हो रहे हैैं तो उसे रैगिंग का नाम नहीं दिया जा सकता है। उनकी याद में कभी भी यहां रैगिंग नहीं हुई है। नियम कानून काफी सख्त हैैं। वहीं, शताब्दी स्तंभ के नीचे झुंड लगाकर इंट्रोडक्शन लेने के लीगल होने के सवाल पर बोले की मामले की जांच करेंगे।