कानपुर (ब्यूरो)। परिवहन विभाग के सॉफ्टवेयर सारथी की खामी से लर्निंग लाइसेंस बनाने में फर्जीवाड़ा चल रहा है। सॉफ्टवेयर आधार कार्ड में लगी आवेदक की फोटो की पहचान करने में नाकाम साबित हो रहा है। चेहरे का प्रमाणीकरण न होने का फायदा कुछ कैफे संचालक उठा रहे हैं। वह आवेदक के टेस्ट पास किए बिना भी लाइसेंस बनवा रहे हैं। लगातार ऐसी शिकायतें आरटीओ ऑफिस को मिल रही हैं.आफिसर्स सॉफ्टवेयर का काम यहां से संचालित न होने की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं।
हो जाता है ऑटो अप्रूवल
वर्ष 2022 की शुरुआत में लर्निंग लाइसेंस बनवाने के लिए आधार आइडेंटिफिकेशन की व्यवस्था लागू की गई थी। इस व्यवस्था के तहत कोई भी घर बैठे लर्निंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। इसके बाद वह ऑनलाइन टेस्ट देता है और ऑटो अप्रूवल होने पर घर पर ही लर्निंग लाइसेंस का ङ्क्षप्रट निकाला जा सकता है। सॉफ्टवेयर आधार कार्ड पर लगी आवेदक की फोटो पहचान करने में नाकाम हो रहा है।
मुख्यालय भेजेंगे शिकायत
इसका फायदा आरटीओ आफिस के आसपास के कुछ कैफे संचालक उठा रहे हैं। वह आवेदक के बजाय खुद या किसी अन्य व्यक्ति से परीक्षा दिलाने की प्रक्रिया पूरी करा लेते हैं। आटो अप्रूवल के बाद लर्निंग लाइसेंस का ङ्क्षप्रट निकालकर आवेदक को दे देते हैं। एआरटीओ राजेश राजपूत का कहना है कि यह समस्या स्थानीय स्तर की नहीं है। शिकायतों के बारे में मुख्यालय को अवगत कराया जाएगा।