कानपुर (ब्यूरो)। वाराणसी से गुजरात के साबरमती जा रही एक्सप्रेस ट्रेन शुक्रवार को आधी रात रात गोविंदपुरी स्टेशन के पास डिरेल हो गई। ट्रेन के 20 कोच पटरी से उतर गए। हादसे के वक्त ज्यादातर पैसेंजर्स सोए हुए थे। अचानक झटके लगने फिर गाड़ी डिरेल होने से पैसेंजर्स घबरा गए और भगदड़ से मच गई। फटाफट सारे पैसेंजर्स ट्रेन से नीचे उतर गए। शुक्र रहा कि इतने बड़े हादसे के बाद भी जान माल का कोई नुकसान नहीं हुआ। सिर्फ एक पैसेंजर घायल हुआ।
एक घंटे पहले गुजरी थी इंदौर एक्सप्रेस
रेलवे आफिसर्स के मुताबिक साबरमती एक्सप्रेस के लगभग एक घंटे पहले देर रात 1.15 बजे उसी रूट से ट्रेन नंबर 19314 इंदौर एक्सप्रेस गुजरी थी। जिसके ड्राइवर को न तो ट्रैक में कोई जर्क महसूस हुआ था और न ही ट्रैक में कुछ पड़ा हुआ था। इसके ठीक एक घंटे के बाद उसी ट्रैक से जब साबरमती एक्सप्रेस गुजरी तो गोविंदपुरी के आगे ट्रेन का इंजन ट्रैक में रखे बोल्डर( ट्रैक में लगाया जाने वाला कंक्रीट का स्लीपर) से टकराया और इंजन के आगे लगा कैटल गार्ड पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और ट्रेन के 20 कोच डिरेल हो गए। इससे किसी साजिश की आशंका जताई जा रही है। वहीं दूसरी तरफ रेलवे से तो किसी प्रकार की चूक नहीं हुई, इसकी भी जांच की जा रही है। जांच के लिए एटीएस को भी बुलाया गया है।
हादसे के तुरंत बाद घटना की सूचना ड्राइवर ने कंट्रोल रूम को दी। सूचना पर गोविंदपुरी, पनकी व भीमसेन के रेलवे ऑफिसर्स, आरपीएफ, जीआरपी के साथ स्थानीय फोर्स मौके पर पहुंच गया। ट्रेन के सभी पैसेंजर्स को सुरक्षित कोचों से उतार कर बसों में बैठा कर सेंट्रल स्टेशन लाया गया। वहीं कुछ पैसेंजर्स को कानपुर सेंट्रल स्टेशन लाने के लिए स्पेशल मेमू का संचालन घटनास्थल से किया गया। जहां बाद में सुबह 8.02 बजे सभी पैसेंजर्स को स्पेशल साबरमती एक्सप्रेस में बैठा कर डायवर्ट रूट से साबरमती के लिए रवाना किया गया।
कुशीनगर एक्सप्रेस समेत दो ट्रेनों को बैक करा गोविंदपुरी लाया गया
रेलवे आफिसर्स के मुताबिक साबरमती एक्सप्रेस के पीछे कुशीनगर एक्सप्रेस व लखनऊ-झांसी एक्सप्रेस चल रही थी। दुर्घटनाग्रस्त हुई साबरमती एक्सप्रेस के पीछे ही एक के बाद एक ट्रेन पीछे चल रही थी। घटना की जानकारी मिलती ही दोनों ट्रेनें जहां की तहां खड़ी हो गई। घटना देर रात लगभग 2.30 बजे की है। सूचना पर मौके पर पहुंचे आफिसर्स ने दोनों ट्रेनों को गोविंदपुरी तक बैक लाने का निर्णय लिया। जिसके बाद दोनों ट्रेनों को डायवर्ट रूट इटावा-भिंड-ग्वालियर-झांसी संचालित किया गया।
पार्सल कोच लगा 24 कोच की थी ट्रेन
वाराणसी से साबरमती एक्सप्रेस में दो पार्सल कोचों को लगाकर टोटल 24 कोच की ट्रेन थी। घटना में इंजन के पीछे लगे पार्सल, दिव्यांग, महिला कोच के साथ स्लीपर व एसी समेत 20 कोच ट्रैक से उतर गए। रेलवे सोर्सेस के मुताबिक घटना के दौरान ट्रेन की स्पीड 70 से 80 किमी प्रति घंटे रही होगी। ट्रेन का इंजन ट्रैक में रखे बोल्डर से टकराते ही एक तेज आवाज के साथ ट्रेन के एक के बाद एक कोच ट्रैक से नीचे उतरते चले गए।
एलएचबी कोच ने बचाई जान
ट्रेन एक्सीडेंट में जनहानि को रोकने के लिए रेलवे लगातार पुराने पीले कलर के आईसीएफ कोचों को रिप्लेस कर उनके स्थान पर पीले कलर के एलएचबी कोचों को लगा रहा है। यही कारण रहा कि फ्राइडे देर रात इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद सिर्फ एक युवक घायल हुआ। एक्सीडेंट में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। ट्रेन एक्सीडेंट में 20 कोच डिरेल होने की सूचना मिलते ही सब के मन में यहीं सवाल उठ रहे थे कि बड़ी जनहानि हुई होगी। लेकिन एलएचबी कोचों ने बड़ी दुर्घटना होने से बचा लिया।