कानपुर (ब्यूरो)। महंगाई और टैक्स के बोझ से लोग परेशान हैं। वहीं पब्लिक गाढ़ी कमाई पानी में बहाई जा रही है। बिना प्लानिंग और कोआर्डिनेशन के प्रोजेक्ट शुरू कर करोड़ों रुपए लगा दिए जाते हैं फिर प्रोजेक्ट किसी ने किसी कारण से फाइलों में दब जाता है। इसका सटीक एग्जाम्पल गंगा बैराज के पास स्थित लोहिया बॉटेनिकल पार्क है। वर्ष 2015 में इस पार्क डेवलप करने का काम शुरू हुआ था, लेकिन अब तक कम्प्लीट नहीं हो सका है। करीब एक दशक से काम बन्द है। जबकि कंस्ट्रक्शन वर्क पर लगभग 12 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं।

71 करोड़ रुपए से डेवलपमेंट

केडीए इम्प्लाइज के मुताबिक वर्ष 2013 के लगभग गंगा के किनारे लोहिया बॉटेनिकल पार्क डेवलप करने की प्लानिंग शुरू हुई थी। पहले 70 एकड़ में 110 करोड़ रुपए से पार्क डेवलप किया जाना था। लेकिन जमीन और झील के विवाद के बाद एरिया घटाकर 50 एकड़ कर दिया। 2015 में 70.95 करोड़ रुपए से लोहिया बॉटेनिकल पार्क डेवलप करने का काम शुरू हुआ। सिंगापुर की तर्ज पर 34-34 मीटर हाईट के 4 फ्लेम ऑफ लाइफ टॉवर में रेस्टोरेंट चलाए जाने के दावे किए गए थे। इसके साथ एडवेंचर पार्क, फिश म्यूजियम, किड्स गेमिंग जोन, एम्पीथियेटर, बैंक्वेट हॉल, शॉपिंग काम्प्लेक्स आदि शामिल हैं।

पहले एनजीटी, फिर हाईकोर्ट

केडीए इंजीनियर्स के मुताबिक टेंडर प्रॉसेस के बाद कम्पनी ने कंस्ट्रक्शन वर्क भी शुरू कर दिया। पहले चुनी गई साइट पर 8 हजार से अधिक पेड़ों को काटने को लेकर विवाद हुआ। विवाद के चलते पेड़ काटने की बजाए शिफ्ट किए गए। हालांकि साइट गंगा किनारे होने की वजह से मामला उलझ गया। एनजीटी की गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ाए जाने का आरोप लगाया गया। लगाते हुए हाईकोर्ट में रिट तक पहुंच गया। जिस पर केडीए को लोहिया बॉटेनिकल पार्क में काम रोकना पड़ा। इस बीच कंस्ट्रक्शन वर्क आदि में 12 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं।

ऑफिसर बदले, प्लान बदला
लंबे समय तक हाईकोर्ट से बॉटनिकल गार्डन निर्माण पर रोक लगी रही। इस बीच कांट्रैक्टर कम्पनी के साथ विवाद खड़ा हो गया। केडीए ने उसे ब्लैक लिस्ट तक कर दिया। फिर सशर्त रोक हटी। जिसके चलते केडीए को अपना पुराना प्लान चेंज करना था। तब से अब तक कई केडीए ऑफिसर बदल गए। हर बार पार्क को कम्प्लीट करने के लिए एक प्लान तैयार होता है। इसमें बॉटेनिकल पार्क में वेटलैंड, मेडिटेशन सेंटर, नेचुरोपैथी व आयुर्वेद क्लब, सत्संग , गोल्फ क्लब आदि बनाने की प्लानिंग हुई। लेकिन अब तक डेवलप नहीं किया जा सका।