कानपुर (ब्यूरो)। सिटी की लेदर इंडस्ट्रीज के लिए अच्छी खबर है। यूपी पाल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड ने टेनरीज के संचालन के लिए लागू 15-15 दिन का रोस्टर खत्म कर दिया है, अब पूरे महीने टेनरीज रन की की सकेंगी। इससे टेनरीज ओनर्स के साथ ही वर्कर्स भी खुश है। ओनर्स का कहना है कि इससे लेदर इंडस्ट्रीज को बढ़ावा मिलेगा और बन्द हो रही सिटी की टेनरीज का सिलसिला थमेगा। वहीं वर्कर्स का कहना कि 30 दिन टेनरीज रन से इम्प्लॉयमेंट भी बढ़ेगा।

लंबे समय से लागू
सिटी में पहले 400 से अधिक टेनरीज थी, अब केवल 261 की रन कर रही है। टेनरीज से निकलने वाले क्रोमियम के ट्रीटमेंट का अरेजमेंट न होने की वजह से 15-15 दिनों का रोस्टर लागू किया गया था। इसमें पम्ंिपंग स्टेशन-1 छबीलेपुरवा से जुड़ी 24 और पीएस-3 वाजिदपुर ड्रेन से जुड़ी 92 टेनरी है। इसी तरह पम्पिंग स्टेशन-2 शीतला बाजार से जुड़ी 122 और पीएस-4 बुढिय़ाघाट ड्रेन से जुड़ी 20 टेनरीज है। रीजनल पाल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड के रीजनल ऑफिसर अमित मिश्रा के मुताबिक रोस्टर के मुताबिक 15 दिन पम्पिंग स्टेशन-1 व 3 से जुड़ी टेनरीज चलाई जा सकती है और 15 दिन पम्पिंग स्टेशन-2 व 4 से जुड़ी टेनरीज चलती थी। जिससे टेनरीज से निकलने वाला वेस्ट वाटर गंगा में सीधे न गिर सके।

नया प्लांट हुआ चालू
कुछ समय पहले जाजमऊ में बना 20 एमएलडी का कॉमन इंफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट चालू हो गया था। लेकिन 15-15 दिन के टेनरीज के चलने के रोस्टर की वजह से उसे कैपेसिटी के मुताबिक टेनरी से निकलने वाला वेस्ट वाटर नहीं मिल पा रहा था। जिससे 20 एमएलडी का सीईटीपी पूरी क्षमता से नहीं चल पा रहा था। इसी वजह से टेनरी ओनर लगातार रोस्टर खत्म करने की मांग कर रहे थे। उन्होंने अपनी मांग डीएम राकेश कुमार सिंह के सामने भी रखी थी। इस पर डीएम सेंट्रल पाल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड का पूरा मामला भेजकर रोस्टर खत्म कराने के लिए लेटर भेजने का निर्देश दिया था। इस पर यूपी पाल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड ने सहमति दे दी है।

यानि कि अब टेनरीज महीने में 15-15 दिनों की बजाए पूरे 30 दिन चल सकेंगी। हालांकि अभी टेनरीज अपनी फुल कैपेसिटी के मुताबिक प्रोडक्शन नहीं कर सकेंगे। 50 परसेंट प्रोडक्शन कैपेसिटी के साथ रोस्टर खत्म किया गया है। इससे टेनरी ओनर कुछ मायूश है। हालांकि 15-15 दिन का रोस्टर खत्म होने पर उन्होंने खुसी जताई। उन्होंने कहा कि इससे टेनरी ओनर्स का अपने ऑर्डर समय से पूरे करने में आसानी होगी। साथ ही इम्प्लॉयमेंट भी बढ़ेगा।