कानपुर (ब्यूरो)। रेलवे लाइन के किनारे बसी अवैध बस्तियां हटाई जाएंगी। बुधवार को पुलिस कमिश्नर और डीआरएम ने यह स्पष्ट कर दिया है। कब्जे चिन्हित कर लिए गए हैं। रोडमैप तैयार करके बस्तियों को हटाने की कार्रवाई होगी। बुधवार को पुलिस कमिश्नर और डीआरएम ने परख रेल से पनकी इंडस्ट्रियल एरिया, गोविंदपुरी, मंधना और शुक्लागंज तक निरीक्षण किया। इसके साथ ही रेलवे अपनी निष्प्रयोज्य कालोनियों को भी तोडक़र क्लीन, ग्रीन और स्वस्थ वातावरण देने के लिए उन्हें फिर से बनाएगी।
साबरमती और कालिंदी हादसे के बाद जागे
पनकी इंडस्ट्रियल एरिया में साबरमती बेपटरी हो गई थी। इसके ठीक 24 दिनों के भीतर कालिंदी एक्सप्रेस को बेपटरी करने की साजिश हुई। इस पर खबरें प्रकाशित होने के बाद रेलवे सक्रिय हुआ। पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के साथ डीआरएम हिमांशु बडोनी ने कानपुर क्षेत्र में इज्जतनगर मंडल, लखनऊ मंडल और प्रयागराज मंडल के एसपी जीआरपी अभिषेक यादव व कमिश्नरेट के एडिशनल सीपी लॉ एंड ऑर्डर हरीश चंदर, डीसीपी वेस्ट राजेश कुमार सिंह व अन्य अधिकारियों के साथ ट्रैक किनारे निरीक्षण किया।
निरीक्षण के बाद सेंट्रल स्टेशन पहुंचे डीआरएम ने बताया कि कानपुर क्षेत्र को संवेदनशील मानते हुए ट्रैक के दोनों ओर निरीक्षण कर अवैध कब्जों को चिन्हित किया गया है। इस विषय को लेकर अभी और बैठकें होनी हैं ताकि ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके। निरीक्षण रिपोर्ट के बाद पुलिस, जीआरपी और आरपीएफ की संयुक्त कार्रवाई होगी। उन्होंने निष्प्रयोज्य कालोनियों को लेकर कहा, इन्हें गिराया जा रहा है। करीब 400 घरों को अब तक गिराया जा चुका है। जल्द ही शेष बचे क्वार्टर को गिराकर नए भवन तैयार कराए जाएंगे। रेलवे शहर को क्लीन, ग्रीन और स्वस्थ वातावरण देने का प्रयास कर रहा है।
नहीं सौंपी गई जांच
डीआरएम हिमांशु बडोनी ने बताया कि साबरमती एक्सप्रेस को लेकर हुई जांच अभी तक सौंपी नहीं गई है। जांच रिपोर्ट के तथ्य सामने आने के बाद ही कुछ कहना उचित होगा। इस मामले में रेलवे की एसएजी (स्पेशल एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रुप) की टीम जांच पूरी कर चुकी है। पुलिस को फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार है। वहीं कालिंदी के विषय पर डीआरएम ने कहा अभी जांच चल रही है। रिपोर्ट आने पर ही कुछ कहा जा सकता है।
चुनौती से हम बाखूबी निपटेंगे
पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने बताया कि रेलवे के दृष्टिकोण से हमने सुरक्षा को देखा है। विषय और समस्या दोनों जटिल हैं। हम लोग समन्वय बनाकर काम करेंगे तो निश्चित ही ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने में सफल होंगे। 24 दिनों के भीतर हुई दो घटनाओं पर उन्होंने कहा कि दोनों ही घटनाएं पुलिस के लिए चुनौती हैं। कालिंदी के मामले में नीयत स्पष्ट थी कि ट्रेन को डैमेज करना था। साबरमती मामले में जांच चल रही है। फॉरेंसिक रिपोर्ट आएगी तो कुछ निकलकर सामने आएगा। कई यूनिट इस विषय पर लगी हुई हैं।