कानपुर (ब्यूरो)। संडे को गंगा के साथ पांडु नदी का जलस्तर भी गिर गया। इससे बाढ़ से प्रभावित साउथ सिटी के मोहल्लों और गंगा के किनारे बसे गांव के हजारों लोगों ने राहत की सांस ली। हालांकि गंगा का जलस्तर अभी चेतावनी बिन्दु के पार बना हुआ है जिसके चलते प्रशासन अलर्ट मोड पर है। घरों से पानी निकल गया है, रास्ते अभी डूबे हुए हैं, जो परेशानी का सबब बना हुआ है।

छतों पर पहुंचाई गृहस्थी
दरअसल पांडु नदी के रौद्र रूप दिखाने से साउथ सिटी के मायापुरम, वरुण विहार, पनका बहादुर नगर आदि मोहल्लों के घरों के अंदर तीन-तीन फीट तक पानी भर गया था। पूरी गृहस्थी पानी में तैरने लगी थी। बहुत से लोग घरों में ताला बंद कर पलायन को मजबूर हो गए या छतों पर शरण लेनी पड़ी थी। वहीं अब लगातार दो दिन से पांडु नदी का जलस्तर घटता जा रहा है। इससे ज्यादातर घरों में भरा पानी निकल गया है।

रास्तों में भरा है पानी
गंगा का जलस्तर भी पिछले दिनों चेतावनी बिन्दु को पार खतरे के निशान की बढ़ता जा रहा था। हालांकि सैटरडे की दोपहर जलस्तर स्थिर होने के बाद संडे को जलस्तर घट गया। शुक्लागंज ब्रिज की ओर जलस्तर 113.150 से घटकर 113.090 मीटर पर पहुंच गया है। वहीं अपस्ट्रीम गंगा का जलस्तर 114.76 से घटकर 114.74 मीटर पर आ गया है। जलस्तर घटने से गंगा के किनारे बसे लोधवाखेड़ा, देवनीपुरवा, चैनपुरवा, धारमपुर आदि गांव के लोगों ने राहत की सांस ली है। हालांकि रास्ते डूबे होने की वजह से एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से उन्हें राहत सामाग्र्री पहुंचाई जा रही है। बाढ़ चौकी प्रभारी प्रतीक शुक्ला ने बताया कि भगवानदीन पुरवा, भोपालपुरवा, बनियापुरवा, चैन पुरवा, धारमखेड़ा, लुधवाखेड़ा में ट्रैक्टर और नावों के जरिए राशन किट घर घर पहुंचाई जा रही है।