कानपुर (ब्यूरो)। Kanpur Crime News: मुकदमों से जुड़े अहम सबूत और बरामद माल को थाने के मालखाने में कड़ी सुरक्षा के बीच रखा जाता है। कोर्ट में ट्रायल के दौरान जरूरत पडऩे पर इन सबूतों को पेश किया जाता है। लेकिन, चौकाने वाली बात ये है कि मालखाने में रखा माल अजीबोगरीब तरीके से गायब हो रहा है। एक मालखाने में रखी शराब की बोतलों की सील टूटी मिली तो वहीं दूसरे में सोने के जेवर पीतल में बदल गए। वहीं साढ़े तीन लाख की रकम को चूहे कतर गए। पुलिसकर्मी इसके पीछे तर्क कुछ भी दें लेकिन माल में कुछ काला जरूर है। तीनों मामलों की शुरुआती जांच में मुंशी की लापरवाही पाई गई है। तीनों को निलंबित करने के आदेश जारी किए गए हैैं।
पोटली में बांधकर रख दिए रुपए
नौबस्ता थानाक्षेत्र निवासी शिवम तिवारी का किराने का कारोबार है। शिवम के मुताबिक उनके घर में 9 अगस्त 2020 को चोरी हुई थी, जिसमें चोर उनके घर में मकान बनवाने के लिए रखे छह लाख रुपये और तमाम सामान चोरी कर लिया था। चार महीने बाद पुलिस ने चोरी का खुलासा करते हुए साढ़े तीन लाख रुपये बरामद कर लिया था। जिसका रिलीज ऑर्डर कोर्ट से कराने के बाद मार्च 2024 में वे थाने में अपनी रकम लेने गए थे, जब रुपये की पोटली सामने आई तो उसमें से तीन लाख रुपये से ज्यादा की रकम चूहों ने कुतर दी थी। शिवम ने बताया कि नियमानुुसार बरामद होने के बाद रकम को फिटेड बॉक्स में पैकिंग करके रखा जाता है। इसके बाद भी उनकी रकम कपड़े की पोटली में बांधकर रखी गई।
सोना नहीं ये तो पीली धातु है
बर्रा निवासी सुरेंद्र यादव के मुताबिक उनके घर में 2022 में चोरी हो गई थी। जिसमें पत्नी रंजना के सारे जेवर और नगदी चोरी हुई थी। 2023 में वारदात का खुलासा हुआ और उनको बरामद किए गए जेवर दिखाए गए। उनसे कहा गया कि जेवर आपके नहीं हैैं लेकिन शिनाख्त कर लीजिएगा नहीं तो ये भी नहीं मिलेंगे। उन्होंने थाने में शिनाख्त कर ली, जब जेवर रिलीज कराने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया तो जेवर रिलीज करने के आदेश जारी कर दिए गए। जब वे थाने में जेवर लेने पहुंचे तो उन्हें जेवर दे दिए गए। घर जाकर देखा तो जेवर पीतल के थे। मामले में थाने में जानकारी दी तो बरामदगी की फर्द पर सोने के जेवर नहीं बल्कि पीली धातु के जेवर दिखाए गए थे।
जब नष्ट करने पहुंचे शराब की बोतलें
तीसरा मामला बिधनू थाने का है। इस मामले में बिधनू पुलिस ने होली के दौरान भारी मात्रा में शराब बरामद की थी। कोर्ट के आदेश पर संबंधित एसीएम को इसके नष्ट कराने के लिए आदेश दिया गया था। 10 अगस्त को जब एसीएम थाने में शराब की बोतलें नष्ट कराने पहुंचे तो शराब की कई बोतलों की सील टूटी हुई मिली। दरअसल नष्ट कराने के दौरान सील की रिपोर्ट कोर्ट को देनी होती है, इस वजह से ये बात पकड़ में आ गई। एसीएम ने अपनी रिपोर्ट बनाकर पुलिस और संबंधित कोर्ट को सौंप दी। जिसमें जांच के बाद ये कार्रवाई की गई है। इस मामले में पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शराब की बोतलें लकड़ी की पैकिंग में रखी जाती है। सील टूटने का सीधा मतलब है कि कहीं न कहीं से कोई बड़ी लापरवाही है।