कानपुर (ब्यूरो)। वेडनसडे को एसीएमओ ने बिल्हौर क्षेत्र में निजी क्लीनिकों पर छापेमारी की। इस दौरान उन्होंने एक अवैध क्लीनिक को सीज कर दिया और दो क्लीनिकों को नोटिस जारी की। बिल्हौर कस्बे में मंगलवार को डॉक्टर बंगाली के दवा खाने पर गलत उपचार से एक मासूम बच्चे की मौत होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की कुछ आंखें खुलीं।
बुधवार को एसीएमओ डॉ यूवी सिंह बिल्हौर पहुंचे और सीएचसी अधीक्षक डॉ दिलीप सिंह के साथ बकोठी चंपतपुर व उत्तरीपूरा में संचालित हो रहे निजी क्लीनिकों पर छापेमारी की। जानकारी मिलते ही क्लीनिक संचालकों में हडक़ंप मच गया और बिल्हौर की घटना के बाद पहले से सावधान ज्यादातर क्लीनिक संचालक अपनी अपनी क्लीनिक बंद कर मौके से फरार हो गए। चेकिंग के दौरान बकोठी में चंपतपुर रोड स्थित एक अवैध क्लीनिक को सीज कर दिया गया और उत्तरीपूरा स्थित दो क्लीनिकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
कस्बे की हाई प्रोफाइल क्लीनिको पर नहीं पड़ी नजर
झोलाछाप की लापरवाही से मासूम की बलि चढ़ जाने के बाद जैसे तैसे बिल्हौर तक पहुंची अपर चिकित्साधिकारी ने सीएचसी अधीक्षक के पीछे-पीछे ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ छुटपुट क्लीनिकों की कुंडी तो खटखटा दी लेकिन कस्बे व क्षेत्र में शहर में बैठे बड़े-बड़े डॉक्टरों के नाम पर कागजी खानापूर्ति कर अवैध रूप से संचालित हो रहे मानक विहीन बड़े-बड़े क्लिनिकों पर उनकी नजर नहीं पड़ी या डालने की जरूरत नहीं समझी। लोगों की जिंदगी का ब्रेकअप सौदा करने वाले इन क्लीनिको पर पहले कई बार घटनाएं भी हुई और छापेमारी भी की गई। फिर नोटिस नोटिस का खेल चलता रहा। लेकिन सेटिंग गेटिंग के चलते कभी भी किसी पर कार्यवाही नहीं हुई।
इस धंधे में बहुत कमाई है, कहीं कुछ नहीं होता
ककवन रोड स्थित एक बड़े क्लीनिक संचालक का कहना है कि इस धंधे में बहुत कमाई है। बस नीचे से ऊपर तक सेटिंग करना आना चाहिए। फिर कुछ भी हो, कोई मर भी जाए तब भी कुछ नहीं होता। सीएचसी अधीक्षक डॉ। दिलीप सिंह के अनुसार एक दर्जन क्लीनिकों में छापेमारी की गई। जिसमें एक को सीज किया गया है और दो को नोटिस जारी किया गया। अवैध क्लीनिकों के खिलाफ चेकिंग अभियान लगातार जारी रहेगा।