कानपुर (ब्यूरो)। अगर आपके हाथ तो है लेकिन कलाई नहीं है। इस दिव्यांगता के चलते आप कई ऐसे काम नहीं कर पाते हैैं जो कि एक नॉर्मल ह्यूमन कर सकता है। तो अब आपको फिक्र करने की जरूरत नहीं हैैं। डॉ। अंबेडकर इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी फॉर दिव्यांगजन (एआईटीडी) के बीटेक इलेक्ट्रानिक्स फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स ने एक प्रोस्थैटिक हैैंड बनाया है जो कि आपके हाथ से कनेक्ट होने के बाद एक नार्मल हाथ की तरह काम करेगा। आप किसी भी चीज को उठा और रख सकते हैैं। एक सामान्य जीवन जी सकते हैैं। एआईटीडी की लैब में तैयार किया गया यह प्रोस्थैटिक हैैंड (आर्टिफिशियल हैैंड) प्राइमरी लेवल पर किए गए ट्रायल में पास हो गया है। अब इस प्रोजेक्ट को स्टूडेंट्स और अधिक अपडेट करके स्टार्टअप के जरिए मार्केट में लाने की तैयारी में हैैं। इस हैैंड को तैयार करने वाली टीम में अमन सिंह, धात्री पाठक और तृप्ति सिंह हैैं।
वेन से मिलेगा कमांड
एआईटीडी के स्टूडेंट्स की ओर से तैयार किए गए प्रोस्थैटिक हैैंड में एक वेन सेंसर लगाया गया है जो कि हैैंड के फिट होने के बाद आपके कलाई के ऊपर की किसी भी वेन से कनेक्ट किया जाता है। ऐसे में आप कलाई के जरिए जो भी काम करना चाहते हैैं। वह वेन सेंसर के जरिए कलाई और पंजे को मूवमेंट करने का कमांड देता है, जिसके बाद कलाई और पंजा मूवमेंट करता हैैं। बताते चलें कि इससे पहले भी एआईटीडी के स्टूडेंट्स ने जो प्रोस्थैटिक हैैंड तैयार किया था उसमें एक हाथ और कलाई का पूरी तरह से फिट होना जरूरी था। उसमें फिट हाथ वाली कलाई जो काम करती थी। उसी अनुसार आर्टिफिशियल हैैंड वाली कलाई भी काम करती थी। अब नए अपडेटेड मॉडल में यदि दोनों कलाई नहीं हैैं तब भी दिव्यांगता का एहसास नहीं होगा।
कुछ ऐसे करता है काम
इस हाथ में लगे वेन सेंसर को आपकी वेन से कनेक्ट किया जाता है। उसके बाद सेंसर ट्रांसमीटर के जरिए प्रोस्थैटिक हैंड में लगे रिसीवर को सिग्नल देगा। उसके बाद आर्डिनो (कंट्रोलर) के सर्वो मोटर को चलाएगा और मोटर वायर के सहारे पंजे का मूवमेंट करेंगी। इस हैैंड को थ्री डी प्रिंटर के जरिए प्लास्टिक की बॉडी पर बनाया गया है। यह मशीन लर्निंग टेक्नोलॉजी पर काम करता है।
यह हो रहा अपडेट
स्टूडेंट्स की ओर से डेवलप किया गया हैैंड ऐसा है कि उसमें पूरा पंजा (सभी उंगलियां) एक साथ मूवमेंट करती हैैं। अब कुछ ऐसा अपडेट करने की कोशिश की जा रही है, जिससे एक एक उंगली अलग अलग तरह से मूवमेंट भी कर सके। इसके अलावा प्लास्टिक के मैटेरियल को कुछ ऐसा बनाया जा रहा है जो कि किसी भी चीज को पकडऩे में ग्रिप अच्छी रखे। दावा है कि तीन से चार महीने के भीतर इस अपडेट को भी कर लिया जाएगा।