कानपुर (ब्यूरो)। पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष अवनीश दीक्षित के बाद अब कमलेश फाइटर की मुसीबतें बढऩे वाली हैैं। बीते पांच सालों का कमलेश फाइटर के बैैंक खातों की डिटेल मांगी गई है। अब तक पुलिस को जानकारी मिली है कि 3 जून 2022 को कानपुर में हुए बवाल में पूरे विवाद से जुड़े लोगों के संपर्क में कमलेश फाइटर था। पुलिस को कमलेश के ट्रांजेक्शन में सीधे रकम का ट्रांसफर अवनीश के खाते और एक अन्य मीडिया कर्मी के खाते में मिले हैैं। जिसके बाद से पुलिस ने अवनीश और कमलेश फाइटर के बीच के संबंध खंगालने शुरू कर दिए हैैं।
अवैध अस्पतालों से वसूली
पुलिस सूत्रों की मानें तो कल्याणपुर इलाके में छोटे बड़े कम से कम 50 नर्सिंग होम हैैं। जिन्हें कमलेश के गुर्गे बंद कराने की धमकी देते थे और वसूली करते थे। इन गुर्गों की वसूली कम होती थी लिहाजा कोई भी अस्पताल संचालक कभी शिकायत नहीं करता था। कमलेश की गिरफ्तारी के बाद से अस्पताल संचालक भी पुलिस तक पहुंचने लगे हैैं। कमलेश के गैैंग का दबदबा इतना है कि लोग उसके गुर्गों के आगे मुंह खोलने को तैयार नहीं होते। अस्पताल को गेस्ट हाउस बनाकर गैैंग के गुर्गे अक्सर समारोह किया करते हैैं।
जेल में कमलेश को रखा अलग
जेल में कमलेश के विरोधी सपा विधायक इरफान का भाई रिजवान, मन्नू रहमान समेत आधा दर्जन से ज्यादा लोग मौजूद हैैं, जो कमलेश का जेल आने पर स्वागत करने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन जेल की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होने की वजह से इनके अरमान धरे के धरे रह गए। जेल अधीक्षक डॉ। बी.डी पांडेय ने बताया कि कमलेश को सबसे अलग रखा गया है। जेल में इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि किसी तरह का विवाद न हो। इन सभी की मिलाई पर भी नजर रखी जा रही है।
कस्टडी रिमांड में होगी पूछताछ
पुलिस के अधिकारिक सूत्रों की मानें तो पुलिस ने कमलेश का मोबाइल बरामद करने के लिए उसकी कस्टडी रिमांड मांगी है। पुलिस कस्टडी के दौरान कमलेश से मोबाइल और तमंचा बरामद कराएगी। दरअसल अभी पुलिस को ये भी जानकारी नहीं हो पाई है कि फरारी के दौरान वह कहां-कहां गया था और किसने- किसने उसकी मदद की थी। कॉल डिटेल से इनकमिंग और आउटगोइंग कॉल्स तो मिल गई हैैं लेकिन पुलिस को मैसेज और वाट्सएप कॉल्स की जानकारी लेनी है।