कानपुर (ब्यूरो)। इन दिनों पितृपक्ष चल रहे हैं। ऐसे में गंगा घाटों पर पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए लोग श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान आदि कर रहे हैं लेकिन चिंता की बात है कि शहर में कई ऐसे भी लोग अपनों पिंडदान तो दूर अपनों की अस्थियों का विजर्सन करने तक नहीं आए हैं। ये लोग अपनों की अस्थियां अस्थि कलश बैंक में रखकर भूल गए हैं। महीनों के इंतजार के बाद भी इनके न आने पर अब युग दधीचि देहदान संस्था इन अस्थियों को विसर्जन करेगी।

अस्थि कलश बैंक में
दरसअल, 2014 में सिटी में देश का पहला अस्थि कलश बैंक स्थापित किया गया था। यहां पर किसी व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद परिजनों की इच्छानुसार अस्थि कलश रखे जाते हैं। ताकि वह एक माह या इससे भी अधिक समय बाद आकर उन्हें गंगा में विसर्जित कर सकें। कुछ लोग तो अपने परिजन की अस्थियां विसर्जित कर जाते हैं, लेकिन कई ऐसे लोग हैं जो दोबारा नहीं आते है। वर्तमान में भैरोघाट, ड्योढ़्ी घाट सलेमपुर और बिठूर स्थित श्मशान घाट के अस्थि कलश बैंक में नौ अस्थियां कई महीनों से रखी हुई हैं।


2020 में खोली गई दो और बैंक
भैरोघाट पर निशुल्क अस्थि कलश बैंक की स्थापना देहदान व नेत्रदान अभियान के प्रमुख मनोज सेंगर ने समन्वय सेवा समिति के संयोजक स्व। संतोष अग्रवाल के सहयोग से वर्ष 2014 में की थी। इसे युग दधीचि देहदान संस्थान संचालित करता है। यह बैंक अंत्योष्टि क्रिया करने वाले उन लोगों के लिए मददगार है, जो किसी कारण अस्थि कलश को विसर्जन के लिए तीर्थ क्षेत्र नहीं ले जा पाते हैं। तब वह कलश को यहां पर रखते हैं। इस बैंक की लोकप्रियता को देखते हुए वर्ष 2020 में ड्योढ़ी घाट सलेमपुर और बिठूर स्थित श्मशान घाट पर भी अस्थि कलश बैंक की स्थापना की गई।

नवंबर में भू-विसर्जन
युग दधीचि देहदान अभियान के प्रमुख व अस्थि कलश बैंक के संस्थापक मनोज सेंगर ने बताया कि अस्थि कलश बैंक में कुछ अस्थियां छह महीने, आठ माह और दस माह से रखें है। इन सभी अस्थियों का भू विसर्जन नवंबर माह में अस्थि कलश बैंक की दसवीं वर्षगांठ पर किया जाएगा। अब तक सौ से अधिक अस्थि कलशों का भू विसर्जन किया जा चुका है। बताया कि यहां अस्थि कलश रखने वालों को एक टोकन दिया जाता है, बाद में उसे दिखा कर अस्थि कलश लौटाया जाता है। यह सभी व्यवस्था निशुल्क है।

2014 से भैरोघाट स्थित शमशान घाट में युग दधीचि की तरफ से अस्थि बैंक का शुभारंभ किया गया था। 2020 में सिटी के दो अन्य घाट में अस्थि बैंक खोला गया था। यह सुविधा लोगों के लिए निशुल्क है।
मनोज सेंगर, संस्थापक अस्थि कलश बैंक