- प्रॉपर्टी में ब्लैक मनी के यूज पर आईटी डिपार्टमेंट का पहरा, 20 हजार से ज्यादा की डील पर जितना कैश उतनी ही देनी होगी पेनाल्टी

- तीन साल में कैश ट्रांजक्शन के जरिए प्रापर्टी की रजिस्ट्री कराने वालों की लिस्ट तैयार, केश लेने-देने वालों को भेजा जाएगा नोटिस

KANPUR: ब्लैक मनी का प्रॉपर्टी में इंवेस्टमेंट रोकने के लिए इंकम टैक्स डिपार्टमेंट ने भी कमर कस ली है। अब प्रॉपर्टी खरीदने में जितना ज्यादा कैश का ट्रांजक्शन करेंगे। उतनी ही पेनाल्टी इंकम टैक्स डिपार्टमेंट को देनी पड़ेगी। इंकम टैक्स एक्ट के एक रूल के तहत कानपुर रीजन में भी इसे लागू किया जा रहा है। जिसके तहत 20 हजार रुपए से ज्यादा के कैश ट्रांजक्शन पर आईटी डिपार्टमेंट की नजर रहेगी। इसके साथ ही डिपार्टमेंट बीते तीन सालों में कैश डील में हुई जितनी भी रजिस्ट्री हैं उनकी लिस्ट तैयार कर रही है।

20 हजार से ज्यादा के ट्रांजक्शन पर

सेंट्रल गवर्नमेंट ने बेनामी संपत्तियों की खरीद-फरोख्त में ब्लैक मनी के इस्तेमाल को रोकने के कई बदलाव किए हैं। जिसके तहत सीबीडीटी यानी सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस ने इंकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 269 एसएस में बदलाव किया। इंकम टैक्स अफसर शरद प्रकाश अग्रवाल ने बताया कि रियल एस्टेट सेक्टर में डील किसी प्रॉपर्टी की हो या फिर एग्रीकल्चर लैंड की, दोनों में कैश ट्रांजक्शन को 20 हजार रुपए तक में सीमित कर दिया है। इसकी जगह आरटीजीएस या निफ्ट के जरिए पेमेंट का नियम बना है। ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ आईटी एक्ट के सेक्शन- 271 डी के तहत कैश ट्रांजक्शन के बराबर ही पेनाल्टी का प्रावध्ान है।

जारी होंगे नोटिस

इंकम टैक्स डिपार्टमेंट में यूपी और उत्तराखंड के प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर प्रमोद कुमार गुप्ता ने पहले ही प्रॉपर्टी डीलिंग में कैश के इस्तेमाल पर काबू करने के लिए कार्रवाई की बात कही थी। इसी के तहत बीते 2 से 3 सालों के दौरान हुई रजिस्ट्रीज को खंगाला गया। इनमें जिन रजिस्ट्री में कैश के इस्तेमाल का शक है अब उन्हें नोटिस भेजा जाएगा। यह नोटिस कैश देने और लेने वालों को भेजे जाएंगे। अगर वह नोटिस के बाबत अपनी इंकम का स्त्रोत जाहिर नहीं कर सकेंगे तो उनके खिलाफ रूल के मुताबिक, पेनाल्टी की कार्रवाई की जाएगी।

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