कानपुर (ब्यूरो)। पुलिस विभाग का बेहद अहम हिस्सा होता है मालखाना। केस प्रॉपर्टी के रूप में अहम सबूत इसी मालखाने में रखे जाते हैं। सालों केस चलने के दौरान कई बार माल का खो जाना, खराब हो जाना या कोर्ट में सही समय पर पेश न कर पाना जैसी समस्याएं होती हैं। इस तरह समस्याओं को दूर करने के लिए शनिवार को कानपुर कमिश्नरेट के कैंट थाने में पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने ई- मालखाने एप का शुभारंभ किया। इस एप के जरिए मालखाना में रखे सभी माल को एक क्यू आर कोड और यूनिक आईडी नंबर दिया जाएगा। क्यू आर कोड स्कैन करते माल की पूरी डिटेल जैसे केस नंबर, धारा, दाखिलकर्ता का नाम, माल का विवरण, माल का लोकेशन (सदर मालखाना, एफ.एस.एल, कोर्ट, थाना मालखाना) आदि देखा जा सकता है।
कई समस्याओं का समाधान
ई मालखाना के शुभारंभ के मौके पर एडिशनल सीपी हेडक्वार्टर एंड क्राइम विपिन कुमार, एडिशनल सीपी लॉ एंड ऑर्डर हरीश चंदर, डीसीपी क्राइम एंड हेडक्वार्टर आशीष श्रीवास्तव, डीसीपी ईस्ट श्रवण कुमार सिंह, एडीसीपी लखन सिंह यादव, एसीपी कैंट अंजली विश्वकर्मा मौजूद रहीं। इस दौरान ई-मालखाना के माध्यम से केस संबन्धी माल का रखरखाव और क्यू आर कोड से पहचान करने और खोजने में होने वाली सुविधाओं के बारे में पुलिस कर्मियों को बताया गया। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि ई-मालखाना पुलिस विभाग के लिए एक क्रांतिकारी कदम है, जो पारंपरिक मालखानों की कई समस्याओं का समाधान करता है।
आईडी नंबर डाले ही
ई-मालखाना ऐप से समस्त मालों को एकत्रित कर क्रमवद्ध तरीके से क्यू आर कोड से व्यवस्थित किया गया है। वेबसाइट से सभी अधिकारियों से लेकर थाना प्रभारी तक की लॉगिन आईडी बनाई गयी है जिसके माध्यम से वह सिंगल क्लिक से अपने जोन/सर्किल/थाने के मालखाने की पूर्ण स्थिति की मानिटरिंग आसानी से कर सकेंगे।
मजबूत होगा ज्यूडीशियल सिस्टम
ई-मालखाना के रिकॉड््र्स डिजिटल होने के कारण प्राकृतिक आपदाओं जैसे आग, बाढ़ आदि से प्रभावित नहीं होते हैं। उन्हें क्लाउड पर अन्य स्थानों पर सुरक्षित रूप से बैकअप किया जा सकता है। ई-मालखाना न केवल पुलिस विभाग के लिए बल्कि ज्यूडीशियल सिस्टम के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। डिजिटल रिकॉर्ड मानवीय गलतियों से मुक्त होने की वजह से एक्यूरेसी के साथ त्वरित न्याय में सहायक होगा। न्यायिक प्रक्रिया में अनावश्यक विलम्ब के बिना यह पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही को बढ़ावा देता है।
ई मालखाना से क्या होंगे फायदे
-माल से सबंधित सारा रिकॉर्ड डिजिट फार्मेट में सुरक्षित रहेगा
-यूनिक आईडी की मदद से इसे तुरंत ही ढूंढा जा सकेगा
- सारा रिकॉर्ड सीक्वेंस से मेनेटन किया गया है
- आईडी डालते ही माल से सबंधित हर जानकारी सामने आ जाएगी
-अधिकारियों से लेकर थान प्रभारी की लागिन आईडी बनेगी
- जरूरत पडऩे पर अधिकारी कहीं से भी सारी जानकारी ले सकेंगे
- जरूरत पडऩे पर कोर्ट में तुरंत पेश किया जा सकेगा