- एचबीटीयू के फूड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट ने फ्रूट्स व एग्री प्रोडक्ट्स के प्रिजर्वेशन के लिए नावेल टेक्निक इजाद की, ट्रायल जारी

-नावेल टेक्निक से प्रिजर्वेशन करने पर प्रोडक्ट की लाइफ भी बढ़ाई जा सकेगी, आईसीटी मुंबई के साथ मिलकर रिसर्च के लिए एमओयू

KANPUR: एचबीटीयू ने फ्रूट्स व अन्य एग्रो प्रोडक्ट्स की लाइफ बढ़ाने और उनकी न्यूट्रीशनल वैल्यू बरकरार रखने की नई प्रिजर्वेशन टेक्निक इजाद की है। फूड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट में इस पर ट्रायल चल रहा है। फूड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रो डॉ। विवेक कुमार सचान ने बताया कि नावेल टेक्नोलॉजी का यूज करके जेम की पौष्टिकता बचाई जा रही है वहीं आंवला के विटामिन सी को भी खत्म होने से बचाया जा रहा है। ट्रायूल के रिजल्ट भी अच्छे मिले हैं। वहीं फूड प्रिजर्वेशन पर आईसीटी मुंबई के साथ मिलकर एचबीटीयू ने रिसर्च वर्क करने की तैयारी कर ली है।

हाई टेम्परेचर से नहीं हाई प्रेशर से

डॉ। विवेक कुमार ने बताया कि अभी फूड को प्रिजर्व करने के लिए हाई टेम्परेचर टेक्नोलॉजी का यूज किया जा रहा है। जबकि नावेल टेक्नोलॉजी में हाई प्रेशर टेक्निक का यूज किया जाता है। इससे फ्रूट्स व अन्य प्रोडक्ट्स की न्यूट्रीशन वैल्यू पूरी तरह से सुरक्षित रहेगी। फ्रूट्स की लाइफ भी बढ़ जाएगी। हाई प्रेशर से फलों या वेजीटेबल में जो वैक्टीरिया होंगे वह पूरी तरह से खत्म हो जाएंगे। इनकी पौष्टिकता पर किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं आएगी।

ऑक्सीजन लेवल कम करेंगे

नावेल टेक्नोलॉजी से फ्रूट्स को अगर कोल्ड स्टोरेज में रखा जाएगा तो वहां पर मॉडीफाइड एटमॉस्फियर डेवलप किया जाएगा। आक्सीजन का लेवल कम करके कार्बन डाईआक्साइड का लेवल कुछ परसेंट तक बढ़ाया जाएगा। इससे प्रोडक्ट की न्यूट्रीशन वैल्यू पूरी तरह से संरक्षित रहेगी। वहीं आंवला का फ्लेक्स निकालने में ओहमिक टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा सकता है। इसमें एक बड़े से जार में आंवला को भरकर रख दें। इसके बाद जार के दोनो साइड इलेक्ट्रोड से कनेक्ट कर देंगे तो अंदर एटमॉस्फियर में मास्चर होगा और आंवले का फ्लेक्स खुद ही सीड्स से अलग हो जाएगा। इस प्रॉसेस से विटामिन सी खराब नहीं होगा। अभी विटामिन सी करीब 40 परसेंट खराब हो जाता है।

करेंगे ज्वाइंट रिसर्च

इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी मुंबई से एचबीटीयू ने 13 अगस्त को एमओयू साइन किया है। अब आईसीटी मुंबई और एचबीटीयू का फूड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट एक दूसरे के साथ मिलकर वर्क करेंगे। रिसर्च वर्क भी ज्वाइंटली करेंगे। स्टूडेंट्स एक दूसरे का इन्फ्रास्ट्रक्चर यूज कर सकेंगे। फैकल्टी एक दूसरे से रिसर्च वर्क शेयर करेंगे। यहीं नहीं अगर किसी प्रोजेक्ट पर मिलकर काम करने की जरूरत होगी तो वह भी किया जाएगा। एमओयू पांच साल के लिए किया गया है।

वर्जन

एचबीटीयू में फूड प्रिजर्वेशन पर न्यू टेक्निक पर काफी तेजी से काम किया जा रहा है। नावेल टेक्निक ऐसी है जिसमें किसी भी उत्पाद का मूल स्वरूप नष्ट नहीं होगा और उसकी पौष्टिक क्षमता भी बरकरार रहेगी। आईसीटी मुंबई के साथ मिलकर फूड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट न्यू रिसर्च वर्क पर काम करेगा।

प्रो। एनबी सिंह, वीसी, एचबीटीयू