कानपुर (ब्यूरो)। घर से किसी काम से निकले लोग कई बार किसी हादसे का शिकार हो जाते हैं। पुलिस ने उन्हें अज्ञात के रूप में नजदीकी गर्वनमेंट हॉस्पिटल पहुंचा देती है। कई लोग दम भी तोड़ देते हैं। जिनकी पहचान नहीं हो पाती है। वहीं दूसरी ओर उनके परिजन उसकी तलाश में इधर उधर भटकते रहते हैं। पता नहीं चल पाता कि वो कहां हैं, किस हाल मे हैं, जिंदा है या नहीं? ऐसे लापता लोगों को ऑनलाइन पहचान दिलाने के लिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के एक ऑफिसर ने वेबसाइट तैयार की गई है। जिसमें हॉस्पिटल में आने वाले अज्ञात घायलों व मृतकों की फोटो व अन्य डिटेल अपलोड की जाती है। जिससे उसके परिजन शिनाख्त कर उस तक पहुंच सकें।
अस्तित्व मेडिकेयर सेंटर डॉट कॉम
हैलट हॉस्पिटल में इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर के पद पर कार्यरत डॉ। आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने आस्तित्व मेडिकेयर सेंटर डॉट कॉम नाम की एक वेबसाइट बनाई है। इसमें पुलिस और प्रशासन का भी सहयोग लिया गया है। गूगल पर हाऊ टू सर्च मिसिंग परसन डालने पर भी वेबसाइट का लिंक मिल जाएगा। जिसमें क्लिक करने के बाद आपको अपना नाम, ईमेल, फोन नंबर, आधार कार्ड नंबर समेत अन्य डिटेल भरनी होगी। इसमें एंट्री करने के बाद आपको ऐज वाइस फिल्टर(10-10 साल के गैप में) भी मिलेगा। जिसमें जाकर आप फोटो व डिटेल देखकर पूरे देश से कहीं भी आप ऑल इंडिया बैठ कर अपने लापता फैमिली मेंबर की तलाश कर सकते हैं।
पुलिस व प्रशासन को भी जोड़ेंगे
डॉ। आशीष ने बताया कि इस वेबसाइट को लांच कर दिया है। अभी वेबसाइट में सिर्फ हैलट हॉस्पिटल में आने वाले अज्ञात घायल पेशेंट व मृतकों की फोटो अपलोड की जा रही है। सिटी के अन्य गवर्नमेंट हॉस्पिटल व पुलिस के पास आने वाले ऐसे केसेस से संबंधित लोगों की फोटो भी इस वेबसाइट में अपलोड करने के लिए पुलिस व प्रशासन की मदद ली जाएगा। जिससे अधिक से अधिक लोगों को इस वेबसाइट का लाभ मिल सके। वहीं अगले चरण में अन्य शहरों के हॉस्पिटल्स और पुलिस को भी इस वेबसाइट से जोड़ा जाएगा।
72 घंटे के बाद पुलिस करती अंतिम संस्कार
पुलिस के नियमानुसार कोई अज्ञात बॉडी मिलने के 72 घंट तक की उसकी शिनाख्त के प्रयास किए जाते है। वहीं पोस्टमार्टम में मृतक के परिजनों के आने का इंतजार किया जाता है। 72 घंटे के बाद भी अज्ञात बॉडी की शिनाख्त न होने पर उसके कपड़े व हाथों व पैरों के पंजों के फिंगर प्रिंट पुलिस थाने में रखने के बाद बॉडी का अंतिम संस्कार कर देती है। वेबसाइट के माध्यम से लोग अपने लापता मेंबर्स की तलाश कर सकते हैं। वेबसाइट से पहचान होने पर वह पुलिस की गाइडलाइन के अनुसार अपनों की बॉडी को प्राप्त कर अंतिम संस्कार कर सकेंगे।
ट्रेने व रोड एक्सीडेंट में आते कई लापता
दिल्ली-हावड़ा रूट देश के व्यस्ततम रूट्स में एक है। जिसमें डेली 286 से अधिक पैसेंजर ट्रेनों का आवागमन होता है। डेली इस रूट पर लाखों पैसेंजर्स का आवागमन होता है। गेट पर बैठ कर जर्नी करने या अन्य कारणों से अक्सर पैसेंजर ट्रेन से गिर जाते हैं। जिन्हें जीआरपी ट्रीटमेंट के लिए हैलट व उर्सला में एडमिट करा देती है। इसके अलावा रोड एक्सीडेंट में घायल होने वाले अज्ञात लोग भी हॉस्पिटल में एडमिट होते हैं। इनमें से कई दम तोड़ देते हैं। ऐसे लेागों की पहचान करने में यह वेबसाइट मददगार साबित होगी।