कानपुर (ब्यूरो)। गलती कभी भी और किसी से भी हो सकती है। बड़ी बात ये है कि गलती से सीखकर इसे दोबारा न किया जाए। अक्सर कई यूथ भी नादानी में अपराध कर बैठते हैं। राह भटक कर गलत दिशा में चलने वाले यूथ को कानपुर कमिश्नरेट न सिर्फ सही राह दिखाएगी बल्कि उनका करियर भी संवारेगी। एजुकेटेड क्रिमिनल्स को रोजगार देने की शुरुआत भी कर दी है। उन क्रिमिनल्स की लिस्टिंग की जा रही है जो गलत लोगों से जुडक़र क्राइम की दुनिया में कदम रख चुके हैैं या पहली बार अपराध करने जा रहे हैैं।
ये है पुलिस का प्लान
कानपुर पुलिस का प्लॉन है कि हर जोन में एक टेलीमेडिसिन हॉस्पिटल खोला जाएगा। इस हॉस्पिटल में इन एजूकेटेड अपराधियों को काम दिया जाएगा। इसके अलावा थानों और पुलिस ऑफिस में माली और तमाम सारी व्यवस्थाओं को देखने के लिए भी इन्हें रखा जाएगा। अगर सब कुछ ठीक रहा तो ये क्रिमिनल्स न सिर्फ अपराध को हमेशा के लिए बाय बाय कर देंगे बल्कि रोजगार में भी लग जाएंगे।
क्या है टेलीमेडिसिन
पुलिस विभाग में पहली बार टेलीमेडिसिन के जरिए पुलिसकर्मियों का ट्रीटमेंट किया जाएगा। हेल्थ से जुड़ी एक कंपनी के साथ कमिश्नरेट पुलिस ने समझौता किया है। इसके तहत ईस्ट जोन स्थित कोतवाली में टेली मेडिसिन क्लीनिक की स्थापना की गई है। जल्द ही ये क्लीनिक प्रॉपर शुरू की जा सकेगी। इसमें पहले चरण में पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों को न केवल मुफ्त मेडिकल एडवाइज मिल सकेगी बल्कि दवाओं और जांच में भी छूट मिलेगी। दूसरे चरण में आम लोगों का इलाज इस टेलीमेडिसिन में कराया जा सकेगा। इस टेलीमेडिसिन में टेक्निकल और अन्य स्टाफ की जरूरत होगी। जहां एजुकेटेड क्रिमिनल्स से काम लिया जा सकेगा।
ऐसे काम करेगा क्लीनिक
क्लीनिक पर पुलिसकर्मी सीधे आकर डॉक्टर से चिकित्सकीय परामर्श ले सकेंगे। जो पुलिसकर्मी नहीं आना चाहते हैैं, वे वीडियो कॉलिंग के जरिए क्लीनिक से जुड़ सकेंगे। क्लीनिक पर आने वाले या वीडियो कॉलिंग से जुडऩे वाले पुलिसकर्मियों का इलाज अगर किसी एक्सपर्ट डॉक्टर से होना होगा तो उसे ऑनलाइन संबंधित डॉक्टर से जोड़ा जा सकेगा। इसके लिए क्लीनिक में एक एलईडी स्क्रीन भी लगाई गई है। फिलहाल इस क्लीनिक पर एक फिजीशियन की तैनाती की गई है। आने वाले समय में हड्डी और आंख के डॉक्टर भी यहां बैठेंगे।
वर्तमान में जेल में हैैं 67 एजुकेटेड क्रिमिनल्स
वर्तमान में कानपुर जेल में 1680 बंदी हैैं। जिनमें 9 विदेशी बंदी और 43 महिलाएं हैं। वहीं 9 बच्चे भी हैैं। इन बंदियों में 67 क्रिमिनल्स एजुकेटेड हैैं। 7 बंदी बीटेक, 19 ग्रेजुएट, 13 पोस्ट ग्रेजुएट, तीन इंजीनियर और 23 इंटरमीडियट पास हैैं। इन क्रिमिनल्स में वे शॉर्टलिस्ट किए जाएंगे जो आदतन अपराधी नहीं हैैं बल्कि हादसन अपराधी हैैं। इन हादसन क्रिमिनल्स की मॉनीटरिंग की जा रही है। इसके बाद दूसरे चरण में इनकी फैमिली हिस्ट्री और इनकी गहराई से जानकारी की जाएगी, जिसके बाद इनको काम पर लगाया जाएगा। पुलिस अधिकारियों की मानें तो इससे इन्हें सुधरने का मौैका तो मिलेगा बल्कि दोबारा क्राइम की तरफ इनका ध्यान भी नहीं जाएगा।
बंदियों की स्थिति
1680 बंदी हैैं वर्तमान में जिला जेल में
43 महिलाएं, 9 विदेशी और 9 बच्चे हैैं
67 क्रिमिनल्स इनमें से एजुकेटेड भी हैैं
07 बंदी बीटेक और 19 ग्रेजुएट हैं इनमें
13 पोस्ट ग्रेजुएट बंदी भी हैं जेल में
23 इंटरमीडियट पास और तीन इंजीनियर