कानपुर (ब्यूरो)। गैंगस्टर एक्ट में सीज की जमीन को रिलीज कराने हाई कोर्ट पहुंची नूरी शौकत को झटका लगा है। पुलिस की लिखापढ़ी से कोर्ट में ये बात सिद्ध हो गई कि भवन के जिस हिस्से पर नूरी शौकत दूसरे नंबर के होने का दावा कर रही हैं वह एक ही मकान के प्रिमाइसिस है। कोर्ट ने नूरी शौकत की सारी दलीलें खारिज करते हुए इस हिस्से में काबिज सीबीसीआईडी को पूरे भवन का केयरटेकर बना दिया। नूरी विवादित मकान के दो हिस्से बताकर एक हिस्से को रिलीज कराने गई थीं।

ये था पूरा मामला
कर्नलगंज निवासी शौकत अली को इरफान के गैैंग का मेंबर बनाया गया था, जिसमें शौकत के खिलाफ 14(1) गैंगस्टर की कार्रवाई की गई थी। नियमानुसाकर 14(1) की कार्रवाई होने की तारीख से तीन महीने बाद की तारीख पर कुर्की(83) की कार्रवाई की जाती है। पुलिस ने नोटिस चस्पा करने के बाद परिसर को सीज कर दिया था। शौकत अली की बेटी नूरी परिसर सीज होने के बाद हाई कोर्ट पहुंच गईं और अपने एडवोकेट के माध्यम से कहा कि जो जमीन सीज की गई है, उसके ग्राउंड फ्लोर पर बना भवन उसका है। इस हिस्से को उनके पक्ष में रिलीज किया जाए।

सरकारी पक्ष की दलील
सरकारी पक्ष ने अपनी दलील में कहा कि जिस जमीन की बात नूरी शौकत कर रही हैैं वह नजूल की है। इसके बाद जिस प्लॉट नंबर का जिक्र किया गया है, वह है ही नहीं। पूरा प्लॉट एक ही है। इस भाग पर सीबीसीआईडी का ऑफिस है। हाईकोर्ट ने इस प्लॉट का केयरटेकर सीबीसीआईडी को अप्वाइंट कर दिया। जिसकी वजह से नूरी शौकत को मुंह की खानी पड़ी।