कानपुर (ब्यूरो)। Kanpur Crime News: महाराजपुर की गैंगरेप पीडि़ता की सोमवार सुबह इलाज के दौरान मौत हो गई। गांव के ही चार दबंगों ने उसके साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया था। इससे परेशान होकर पीडि़ता ने जहरीला पदार्थ खा लिया था। इसके बाद से उसका एक निजी अस्पताल मेेें इलाज चल रहा था। चारों आरोपियों को पुलिस अरेस्ट करके जेल भेज चुकी है।

महाराजपुर थाना क्षेत्र निवासी पीडि़ता के पिता ने बताया कि उनकी नाबालिक बेटी बीते 30 अगस्त को घर में पढ़ाई कर रही थी। तभी गांव के ही इरफान उर्फ काकू, इजराइल, राजा उर्फ इस्लाम और इमरान ने किशोरी के साथ गैंगरेप किया। किशोरी की चीख सुनकर माता-पिता आरोपियों को पकडऩे के लिए दौड़े तो आरोपी भागने लगे। राजा उर्फ इस्लाम को मौके पर पकडक़र पीटा। लेकिन वह भी मौका पाकर धमकी देते हुए भाग निकला। मौके पर आरोपी का मोबाइल छूट गया।

इसके बाद दबंग आरोपियों ने पीडि़ता के परिवार को धमकी दी कि अगर उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई तो अच्छा नहीं होगा। गैैंगरेप की वारदात के बाद किशोरी की हालत बिगड़ी तो परिवारीजनों ने उसे हैलट में एडमिट कराया था, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ था। इसके बाद पीडि़ता को सिविल लाइन स्थित लीलामणि हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां पर सोमवार सुबह किशोरी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। मौत की जानकारी मिलते ही पुलिस अस्पताल पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

वारदात के बाद चारों आरोपियों को पुलिस ने भेजा था जेल
डीसीपी ईस्ट श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि चारों आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप समेत अन्य गंभीर धाराओं में वारदात के बाद 2 सितंबर को एफआईआर दर्ज की गई थी। चारों आरोपियों को अरेस्ट करके जेल भेजा जा चुका है। जल्द ही केस में मौत की धारा भी बढ़ाई जाएगी। इसके साथ ही आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।


जानिए आरोपियों का फैमिली बैकग्राउंड
महाराजपुर थाना प्रभारी संजय पांडेय ने बताया कि गैंगरेप के चारों आरोपी एक ही परिवार के सदस्य हैं। गांव के ही रहने वाले इस्माइल और असलम के बेटों ने मिलकर गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया। आरोपियों के पिता असलम की गांव में परचून की दुकान है। जबकि इस्माइल का गांव में ट्यूबवेल है।

आरोपियों का परिवार है दबंग
आरोपियों का परिवार दबंग प्रवृत्ति का है। इससे पहले भी आरोपी इस्लाम उर्फ राजा के खिलाफ 2020 में नाबालिग से रेप के आरोप में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। लेकिन इस केस में पीडि़ता ने डर की वजह से मजिस्ट्रेटी बयान नहीं दिया था। इसकी वजह से आरोपियों पर कोई कार्यवाही नहीं हो पाई थी।

सेना से भी भगोड़ा घोषित है राजा
गांव के लोगों ने बताया कि इस्लाम उर्फ राजा की घटना से पहले भारतीय थल सेना में नौकरी लग चुकी थी और राजा ने छह महीने की ट्रेनिंग भी पूरी कर ली थी, लेकिन बाद में सत्यापन के दौरान सामने आया कि राजा पर अपराधिक मुकदमें दर्ज हैं। तब राजा ट्रेनिंग से भागकर गांव आ गया था।