कानपुर (ब्यूरो)। बिल्हौर में बुधवार को एक विवाहिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। सूचना पर पहुंचे मायके पक्ष के लोगों ने ससुराली जनों पर हत्या का आरोप लगाया। मौके पर पहुंची पुलिस ने पति, देवर व ससुर को हिरासत में ले लिया और घटना की जांच पड़ताल शुरू की। फॉरेंसिक टीम ने घटना स्थल से इविडेंस कलेक्ट किए।

13 साल पहले हुई थी शादी

बिल्हौर थाना क्षेत्र के बैंडी अलीपुर गांव निवासी शिवकुमार मिश्रा वर्तमान में बलराम नगर बिल्हौर में निवास करते हैं। वह और उनका छोटा बेटा मनीष बिल्हौर में ही बिल्डिंग मैटेरियल की दुकान चलाते है। जबकि बड़ा बेटा अखिलेश प्राइवेट नौकरी करता। मनीष का विवाह लगभग 13 साल पहले कन्नौज जनपद के तिर्वा थाना क्षेत्र के लोहंगापुर गांव निवासी राम औतार दुबे की 35 साल की बेटी शिवांगी उर्फ रेनू के साथ हुई थी। उनके दो बच्चे 10 साल का बेटा विभू और 4 साल की बेटी आर्या है। ससुरालियों के अनुसार मृतका ने देर रात घर की तीसरी मंजिल पर दरवाजे के बेलन में साड़ी के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

फांसी से उतारने से पहले ही हो गई थी मौत
जानकारी होने पर उन लोगों ने उन्हें फांसी से उतारा लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। मौके पर पहुंचे मायके पक्ष के लोगों ने पति मनीष, जेठ अखिलेश मिश्रा, जेठानी संध्या मिश्रा व सास पर बेटी की हत्या करने का आरोप लगाया। सूचना पर पहुंची पुलिस में पति, ससुर व जेठ को हिरासत में ले लिया और घटना की जांच पड़ताल शुरू की। मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्रित किए।

हत्या के बाद फांसी का रूप देने का आरोप
भाई अनिल दुबे के अनुसार बुधवार सुबह लगभग 5 बजे उन्हें फोन काल कर सूचना दी गई कि उनकी बहन ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सूचना मिलते ही वह लोग लोग मौके पर पहुंचे तो उनकी बहन का शव घर के मुख्य दरवाजे पर जमीन में रखा हुआ था और उन्हें घर की तीसरी मंजिल पर दरवाजे के बेलन में फांसी लगाने की जानकारी दी गई। उसके अनुसार ढाई तीन फीट की ऊंचाई पर फांसी लगाकर आत्महत्या करना संभव नहीं। उनकी बहन की हत्या करने के बाद फांसी का रूप देने का प्रयास किया जा रहा है।

न मायके भेजते थे न फोन पर बात करने देते थे

अनिल के अनुसार मनीष शराब का लती है। वह उसकी बहन के साथ आए दिन मारपीट करता था और परिवार के लोग भी उसी का सहयोग करते थे। वह उनकी बहन को बीते चार वर्षों से मायके नहीं जाने देता था और न ही फोन पर बात करने देता था। उसने बहन को जो फोन दिया था मनीष ने वह भी तोड़ दिया था और उन लोगों के घर आने पर भी पाबंदी लगा रखी थी।
परिवार बिखरने से डरती थी बहन
लगातार अपने पति और उसके परिवार से प्रताड़ित उनकी बहन लोक लाज, बच्चों की भविष्य और परिवार बिखरने की डर से सब कुछ बर्दाश्त कर रही थी। इसी के चलते घर में शांति बनाए रखने के लिए उसने उन लोगों को घर आने से भी मना कर दिया था और कुछ दिन पहले हुई मां की मौत पर मुश्किल से कुछ घंटों के लिए मायके पहुंची थी.अरौल थाना प्रभारी अखिलेश कुमार के अनुसार मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। परिजनों की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।