कानपुर (ब्यूरो)। हाथरस में सत्संग के बाद भगदड़ में 120 से ज्यादा मौतों के बाद स्वयंभू बाबा साकार विश्वहरि उर्फ भोले बाबा का कई प्रदेशों और शहरों में फैला अरबों का साम्राज्य सामने आने लगा है। शहर के बिधनू में भोले बाबा का आलीशान आश्रम छह साल पहले बनकर तैयार हुआ था। आश्रम का निर्माण भक्तों के चंदे से किया गया था। सोर्सेस बताते हैं कि आश्रम से जुड़े लोगों से प्रति माह तीन सौ रुपए लिए जाते है। जिससे आश्रम का खर्च चलता है। हालांकि पुलिस की जांच पड़ताल के बाद सेवादार आश्रम में ताला लगाकर भाग निकले है। आश्रम लगभग चौदह बीघे में फैला है। आश्रम का आलीशान भवन तीन बीघे में बना हुआ है। आश्रम का निर्माण पट्टे की जमीन के साथ सरकारी भूमि पर कब्जा करके भी हुआ है।
हरी महीने लिए जाते 300 रुपये
बिधनू थाना क्षेत्र के करसुई गांव के किनारे स्थित आश्रम में 24 घंटे बाबा के सेवादार तैनातर रहते हैं। सेवादारों की बदल बदल कर ड्यूटी लगती है। गांव के किनारे लगभग तीन बीघे में आश्रम का आलीशान महल बना हुआ है। यहां पर आश्रम का निर्माण कार्य जारी है। आश्रम का निर्माण गरीब लोगो को हुए पट्टे की जमीन पर हुआ है। वही पास में पड़ी सरकारी जमीन को भी आश्रम के द्वारा कब्जा कर लिया गया है। आश्रम की जमीन को लेकर विवाद भी चल रहा है। आने वाले हर व्यक्ति से लिए गए 300 रुपये से आश्रम का मेंटिनेंस होता है।
लग्जरी गाडिय़ों से चलते हैैं अध्यक्ष
एक भक्त ने बताया कि आश्रम के अध्यक्ष अनिल तोमर आश्रम से जुड़े लोगों से हर महीने तीन सौ रुपए की सहायता राशि लेते हैैं। इतना ही नहीं आश्रम के निर्माण में बाबा के भक्तो से चंदे के रूप में किसी से 5 हजार किसी से 10 हजार रुपए तक लिए है। आश्रम से जुड़े लोगों का कहना है कि बाबा की आड़ में अध्यक्ष अनिल तोमर ने लाखो रुपए का एम्पायर खड़ा कर लिया है। अनिल तोमर लग्जरी गाडिय़ों से चलता है। वह कभी कभी ही आश्रम में आता है। हालांकि पुलिस की पड़ताल के बाद से आश्रम में रहने वाले सेवादार ताला लगाकर भाग निकले है। जिसके बाद से आश्रम में सन्नाटा पसरा हुआ है।
कैसे हुआ यहां पर आश्रम बनाने का मन
घाटमपुर तहसील के सजेती क्षेत्र के अमौली गांव के पास खेतो में सन 2019 में साकार विश्वहरी का सत्संग हुआ था। यहां पर आसपास क्षेत्रों से लोगों की भारी भीड़ पहुंची थी, जिसे देखकर बाबा का सेवादार अनिल तोमर ने इस क्षेत्र में एक आश्रम खोलने की योजना बनाई। जिस पर अनिल ने बिधनू थाना क्षेत्र के करसुई गांव निवासी बाबा के गरीब भक्तो को सरकार द्वारा पट्टे में मिली जमीन को दान पर ले लिया। जिसके बाद अनिल तोमर ने यहां पर आश्रम का निर्माण बाबा के नाम पर लिए गए चंदे के रुपए से करवाया। अनिल तोमर से बात करने की कोशिश की गई पर संपर्क नही हो सका।
शिष्यों से होती करोड़ो की कमाई
सूत्रों के मुताबिक करसुई स्थित आश्रम से कानपुर नगर, देहात समेत बुंदेलखंड क्षेत्र के लाखों श्रद्धालु जुड़े हैैं। आश्रम से जुड़े लोग आश्रम में हर दो महीने में चार दिन की सेवा देने के साथ ही तीन सौ रुपये महीना भी देते है, इस हिसाब से महीने में लगभग 8 से 10 लाख रुपए आते है। एक साल में इस आश्रम से बाबा की कमाई करोड़ों रुपए की है। एक तरफ साकार विश्वहरि उर्फ भोले बाबा अपने शिष्यों से किसी भी चढ़ावे को लेकर मना करते हंै, लेकिन उन्ही के आश्रम से जुड़े लोगों से लिए जाने वाले रुपए बाबा तक जाते हैं। करोड़ों रुपए कमाने वाला ये आश्रम सरकार को किसी भी तरह का टैक्स नहीं देता है।
2013 में बीच सत्संग से भाग खड़े हुए थे भोले बाबा
साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा की कानपुर में पहली बार इंट्री सन् 2010 के आस-पास हुई थी। गल्ला मंडी स्थित एक मैदान में सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम आयोजकों में अनिल तोमर को बाबा का दाहिना हाथ बना रहा। जिस पर आयोजकों के बीच चंदे की रकम को लेकर विवाद हुआ तो साकार विश्वहरी उर्फ भोले बाबा मंच से ही भाग निकले। लेकिन अनिल तोमर साकार विश्व हरि बाबा के साथ जुड़ा रहा। जिसके बाद कानपुर में बाबा के शिष्यों की संख्या बढ़ती रही। जिन्हे अनिल तोमर ने अपने आश्रम से जोड़ लिया।