कानपुर (ब्यूरो)। किडनी ट्रांसप्लांट के लिए वेटिंग लिस्ट में चल रहे पेशेंट्स के लिए राहत भरी खबर है। जल्द ही जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल में पेशेंट्स को किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा मिलने लगेगी। क्योंकि सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल को नेफ्रोलॉजिस्ट व यूरोलॉजिस्ट की एक्सपर्ट टीम शासन की तरफ से मुहैया कराई जा चुकी है। दो से तीन महीने के अंदर किडनी ट्रांसप्लांट शुरू हो जाएंगे। बता दें कि शहर में अब तक किसी भी गर्वनमेंट हॉस्पिटल में ट्रांसप्लांट की सुविधा नहीं है.जबकि सिटी में बड़ी संख्या में किडनी ट्रांसप्लाट के पेशेंट हैं जोकि सालों से डायलिसिस के भरोसे चल रहे हैं।

हर माह आते 2 हजार पेशेंट

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में नेफ्रोलॉजी डिपार्टमेंट की ओपीडी में हर माह लगभग 2 हजार किडनी के पेशेंट ट्रीटमेंट के लिए आते हैं। जिसमें से 50 परसेंट पेशेंट ऐसे पेशेंट हैं जो सालों से डायलिसिस पर चल रहे है। शहर में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा नहीं थी। वहीं लखनऊ के एसजीपीजीआई में किडनी ट्रांसप्लांट के पेशेंट की लंबी लिस्ट है। दो-दो साल तक वेटिंग चलती है। जीएसवीएम सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू होने से किडनी पेशेंट्स को बड़ी राहत मिलेगी।

20 से 45 उम्र के बीच 70 परसेंट पेशेंट

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के नेफ्रोलॉजी डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ। युवराज गुलाटी ने बताया कि ओपीडी में डेली 60 से 70 पेशेंट आते हैं। जिसमें से 20 से 25 पेशेंट ऐसे होते हैं जिनकी किडनी 60 परसेंट से अधिक खराब हो चुकी है। वहीं 40 परसेंट पेशेंट डायलिसिस पर चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि हॉस्पिटल में ट्रीटमेंट के लिए आने वाले पेशेंट 20 से 45 साल के उम्र के हैं।

पहली बार सरकारी स्तर पर

कानपुर में किडनी पेशेंट्स की सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि सिटी में किसी भी गवर्नमेंट हॉस्पिटल में ट्रांसप्लांट की सुविधा नहीं है। इसके लिए पेशेंट्स को लखनऊ, दिल्ली, बंगलुरू, मुंबई, पूणे जैसे शहरों में जाना पड़ता है। प्राइवेट हॉस्पिटल में ट्रांसप्लांट का खर्च काफी महंगा होने के कारण हर पेशेंट इसे अफोर्ड नहीं कर सकता है। अब हैलट पीजीआई के नेफ्रालॉजी डिपार्टमेंट में ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू होने से राहत मिलने की उम्मीद है। शासन से ट्रांसप्लांट के लिए हॉस्पिटल को एक्सपर्ट मिल चुके हैं।

चार नई डायलिसिस मशीनें
हैलट के पीजीआई हॉस्पिटल में दो सप्ताह पूर्व ही जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की अगुवाई में चार नई डायलिसिस मशीनों को शुरू कर पेशेंट को लाभ दिया जा रहा है। गौरतलब है कि इसके पहले मेडिसिन डिपार्टमेंट में चार डायलिसिस मशीनें थी। जिससे डेली चार से पांच पेशेंट को डायलिसिस दी जाती थी। नई चार मशीनें और शुरू होने से अब दोगुनी संख्या में किडनी पेशेंट को डायलिसिस दी जा रही है।

आंकड़े
- 60 से 70 पेशेंट डेली आते ओपीडी में
- 2000 पेशेंट हर महीने आते हॉस्पिटल में
- 50 परसेंट पेशेंट को किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत
- 1 या 2 सालों से डायलिसिस में चल रहे पेशेंट