- मुंबई, अहमदाबाद और कानपुर में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल के माध्यम से यूथ को रोजगार देगी गवर्नमेंट

- सेंट्रल स्किल डेवलपमेंट मिनिस्टर महेंद्र पांडेय ने कहा, सिंगापुर की तर्ज पर किया जाएगा यूथ का स्किल डेवलपमेंट

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KANPUR : कानपुर के यूथ में जरदस्त पोटेंशियल है। उन्हें स्किल्ड बनाया जाएगा। इसके लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल की स्थापना होगी। सिंगापुर की तर्ज पर ही स्किल डेवलपमेंट किया जाएगा। सेंट्रल गवर्नमेंट में स्किल डेवलपमेंट मिनिस्टर डॉ। महेंद्र नाथ पांडेय ने इसका एलान किया। वह हेल्थ चेकअप कराने के लिए निजी दौरे पर कानपुर पहुंचे थे। सर्किट हाउस में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार मुंबई, अहमदाबाद और कानपुर में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल के माध्यम से युवाओं को इंप्लॉयमेंट अवेलेबेल कराएगी। फ‌र्स्ट फेज में मुंबई के चेंबूर में 300 करोड़ की लागत से इंस्टीट्यूट का काम सितंबर से शुरू कर दिया जाएगा।

170 धाराएं अब लागू होंगी

जम्मू-कश्मीर पर डॉ। महेंद्र नाथ पांडेय ने बोलते हुए कहा कि धारा-170 की वजह से संविधान की 170 धाराएं वहां लागू नहीं होती थी। अनुच्छेद 370 के हटाने में विपक्ष भी हमारे साथ रहा लेकिन कुछ पार्टियां अपने वोट बैंक को देश से ऊपर समझती हैं इसलिए उल्टी-सीधी बयानबाजी कर रहे हैं। वहीं 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' के लिए अब बेसलाइन तय की जाएगी। इसके लिए गवर्नमेंट ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसमें यूपी गवर्नमेंट भी हेल्प कर रही है।

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मैला ढोने की परंपरा होगी खत्म

उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के सवाल पर बोलते हुए कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश में ऑगनाइज्ड क्राइम पर अंकुश लगाया जा चुका है। वहीं देश आजाद होने के बाद महात्मा गांधी ने सिर पर मैला ढोने की परंपरा को खत्म करने की बात कही थी। पूरे देश में इस परंपरा को खत्म भी किया गया, लेकिन अनुच्छेद-370 के चलते जम्मू कश्मीर में इसको खत्म नहीं किया जा सका था। अब इसके हटने के बाद या गुलामी की परंपरा वहां भी खत्म होगी।