कानपुर (ब्यूरो)। गंगा को अविरल निर्मल बनाना प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकताओं में है। गंगा में पाल्यूशन गिरने से रोकने के लिए अरबों की लागत से सिटी में दो दर्जन से अधिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट व पम्पिंग स्टेशन बनाए गए हैं। लेकिन, हर महीने इनको चलाने में आने वाले लाखों के बिल भरने की फिक्र किसी को नहीं है। बिल भरने में लगातार हो रही लापरवाही के चलते इन कनेक्शंस पर केस्को का 341 करोड़ रुपए से अधिक एरियर हो चुका है। बिल न जमा करने पर कई बार एसटीपी, पंपिंग स्टेशन के कनेक्शन केस्को काट चुका है। जिसकी वजह से गंगा में गन्दा पानी सीधा गिरता रहता है।
अरबों की लागत बनाए ट्रीटमेंट प्लांट
दरअसल सिटी में 500 एमएलडी सीवेज आदि को मिलाकर गन्दा पानी निकलता है। शहर में 387 टेनरीज भी हैं। पहले इनका गन्दा और जहरीला पानी गंगा में गिरा करता था । 80 के दशक में गंगा एक्शन प्लान आदि के अन्र्तगत जाजमऊ एरिया में 130 और पांच एमएलडी के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए गए। वहीं 36 एमएलडी का कॉमन एंफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट बनाया गया। इसमें 9 एमएलडी क्रोमियम और 27 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट शामिल था। इन प्लांट तक पानी पहुंचाने के लिए कई जगहों पर सीवेज पम्पिंग स्टेशन भी बनाए गए। इसके बाद जवाहर लाल अरबन रिन्यूवल मिशन में वाजिदपुर, सजारी, सनिगवां, बिनगवां, बनियापुरवा, पनका आदि में अरबों रुपए खर्च कर सीवेज व क्रोम रिकवरी ट्रीटमेंट प्लांट बनाए गए।
प्राइवेट कम्पनी के पास जिम्मेदारी
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट व पम्पिंग स्टेशन को चलाने आदि के लिए गंगा पॉल्यूशन कन्ट्रोल यूनिट जलनिगम ने केस्को से 27 इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन लिए हैं। कुछ समय पहले इन प्लांट्स का संचालन एक प्राइवेट कम्पनी को सौंप दिया गया। केस्को ऑफिसर्स के मुताबिक इलेक्ट्रिसिटी बिल जमा करने में अब भी लापरवाही बरती जा रही है। जिसकी वजह से ट्रीटमेंट प्लांट व पम्पिंग स्टेशन के 27 कनेक्शंस पर 341 करोड़ रुपए से अधिक बकाया हो चुका है। इनमें कई ऐसे कनेक्शन हैं, जिनमें लाखों और करोड़ों रुपए बकाया है। एक कनेक्शन पर बकाया बिल दो अरब को भी पार कर चुका है.ै
कनेक्शन काटने की तैयारी
केस्को ने गंगा पाल्यूशन कन्ट्रोल यूनिट के सभी बकाया बिल वाले कनेक्शंस की डिटेल तैयार कर ली है। साथ ही कनेक्शन काटने के लिए नोटिस भी जारी की जा रही है। केस्को इम्प्लाइज के मुताबिक पहले भी बकाया जमा न करने पर कनेक्शन काटे जा चुके हैं, लेकिन कुछ समय एडमिनिस्ट्रेशन आदि ऑफिसर्स के हस्तक्षेप के बाद कनेक्शन जोड़ दिए थे। हालांकि इस बीच लगातार गंगा में गन्दा पानी गिरता रहा था।