- 11 नवंबर को चीफ मिनिस्टर कर सकते हैं कानपुर मेट्रो वर्क का शिलान्यास, आईआईटी गेट से शुरू होगा काम
-तैयारियों का जायजा लेने हाउसिंग एंड अरबन प्लानिंग डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी सैटरडे को आईआईटी पहुंचे
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KANPUR: सालों से कागजों पर दौड़ने के बाद कानपुर मेट्रो 11 नवंबर को 'जमीन' पर उतरेगी। चीफ मिनिस्टर योगी आदित्यनाथ के हाथों शिलान्यास के साथ आईआईटी गेट से मेट्रो वर्क शुरू हो सकता है। यूपी मेट्रो रेल कार्पोरेशन के ऑफिसर्स ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इसके साथ ही आईआईटी के मेन ऑडिटोरियम में प्रोजेक्ट की आधारशिला का अनावरण भी करेंगे।
सीनियर अफसरों के साथ मीटिंग
सैटरडे को अचानक हाउसिंग एंड अरबन प्लानिंग डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी दीपक कुमार आईआईटी पहुंचे। उन्होंने कमिश्नर एसएम बोबडे, डीएम विजय विश्वास पंत, आईजी मोहित अग्रवाल, यूपीएमआरसी के एमडी कुमार केशव आदि ऑफिसर्स संग मेट्रो प्रोजेक्ट के इनॉग्रेशन प्रोग्राम को लेकर मीटिंग की। उन्होंने मेट्रो वर्क की शुरुआत को लेकर की गई तैयारियों की जानकारी ली। साथ ही इनॉग्रेशन प्रोग्राम के लिए भी आवश्यक डायरेक्शन दी।
आईआईटी गेट पर लगी मशीन
कानपुर मेट्रो के सिटी में दो कॉरिडोर हैं। पहला कॉरिडोर आईआईटी से फूलबाग होते हुए नौबस्ता और दूसरा सीएसए से बर्रा-8 तक का है। यूपीएमआरसी ऑफिसर्स के मुताबिक सबसे पहले आईआईटी से मोतीझील तक मेट्रो दौड़ेगी। इस प्रॉयरिटी सेक्शन में 734 करोड़ से 8.7 किलोमीटर लंबा एलीवेटेड वायाडक्ट और 9 मेट्रो स्टेशन बनाए जाने हैं। इस कार्य को अंजाम देने के लिए एफकांस कम्पनी को चुना गया है। करीब एक महीने पहले ही एफकांस की टीमें मशीनों के साथ कानपुर आ चुकी है.पहले 24 अक्टूबर को नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट के सामने इनॉग्रेशन प्रोग्राम के साथ काम शुरू करने की तैयारी की गई थी। इसी वजह से जीटी रोड पर डिवाइडर तोड़कर एनएसआई के सामने पाइलिंग मशीन भी खड़ी कर दी गई थी। पर शासन से डेट न मिलने के कारण इनॉग्रेशन प्रोग्राम टल गया था।
एनएसआई तक कॉरीडोर रेडी
अब मेट्रो के शिलान्यास के लिए 11 नवंबर की डेट मिली है। इनॉग्रेशन प्रोग्राम आईआईटी ऑडिटोरियम में होगा और काम की शुरुआत आईआईटी गेट से किए जाने की तैयारी है। इसको लेकर आईआईटी गेट से लेकर नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट तक यूपीएमआरसी जीटी रोड पर बोर्ड लगाकर गलियारा बना चुका है। यही नहीं आईआईटी, एनएसआई व सीएसजेएमयू के सामने अंडरग्राउंड सर्विसेज की जांच कर रोड कटिंग भी कर चुका है। सैटरडे को यूपीएमआरसी के एमडी कुमार केशव, चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर ने इन स्थानों पर जाकर निरीक्षण किया और एफकांस की टीम को आवश्यक निर्देश भी दिए। हालांकि सुप्रीमकोर्ट से अयोध्या मामले में सैटरडे को डिसीजन सुनाए जाने के बाद इनॉग्रेशन प्रोग्राम टलने की भी अटकलें लगाई जा रही हैं।
प्रॉयरिटी सेक्शन--आईआईटी से मोतीझील
लंबाई-- 8.7 किलोमीटर
मेट्रो स्टेशन -9
प्रोजेक्ट कास्ट-- 734 करोड़
टेंडर कॉल किए गए-- 28 जून, 2019
टेंडर अवार्ड हुआ-- 19 सितंबर,2019
कांट्रैक्टर कम्पनी- एफकांस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड
कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट-- 11106 करोड़
पहला कॉरिडोर-- आईआईटी से नौबस्ता
दूसरा कॉरिडोर-- सीएसए से नौबस्ता